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नारदा कांड मामले में मुकुल की सफाई, कहा : मैंने एक पैसा भी नहीं लिया

कोलकाता : नारदा कांड में आइपीएस अधिकारी एसएमएच मिर्जा की गिरफ्तारी के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री व वर्तमान में भाजपा नेता मुकुल राय के साथ उनके संबंधों को लेकर फिर सवाल उठने लगे हैं. आरोप है कि तात्कालीन तृणमूल कांग्रेस नेता मुकुल राय का एसएमएच मिर्जा के साथ संबंध थे. गुरुवार को श्री मिर्जा की […]

कोलकाता : नारदा कांड में आइपीएस अधिकारी एसएमएच मिर्जा की गिरफ्तारी के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री व वर्तमान में भाजपा नेता मुकुल राय के साथ उनके संबंधों को लेकर फिर सवाल उठने लगे हैं. आरोप है कि तात्कालीन तृणमूल कांग्रेस नेता मुकुल राय का एसएमएच मिर्जा के साथ संबंध थे. गुरुवार को श्री मिर्जा की गिरफ्तारी के बाद श्री राय ने प्रदेश भाजपा कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए दावा किया : नारदा मामले में मुझे पैसे लेते नहीं देखा गया. मैथ्यू मेरे पास बिजनेस करने के सिललिसे में आये थे. मैंने मिर्जा के पास उन्हें भेजा था.

श्री राय ने कहा कि न्यायालय के निर्देशानुसार सीबीआइ पूरे मामले की जांच कर रही है. खुद सीबीआइ अपनी इच्छा से जांच नहीं कर रही है. जांच के लिए जो जरूरी होगा, वह सीबीआइ करेगी. नारदा कांड में उनका नाम सामने आने पर पूछे जाने पर श्री राय ने कहा कि उस समय वह किसी चुनाव में प्रतिद्वंद्विता नहीं कर रहे थे. कई लोगों की तस्वीरें टीवी में दिखायी गयी है, लेकिन उन्हें किसी ने पैसे लेते नहीं दिखाया है.

उन्होंने एक पैसा नहीं लिया है. यह पूछे जाने पर कि आप मैथ्यू को श्री मिर्जा के पास क्यों भेजे थे, श्री राय ने कहा कि वे बिजनेस के लिए मेरे पास आये थे. उन्होंने मिर्जा से मिलने के लिए कहा था. उनसे किसी तरह की पैसे की लेनदेन की बात नहीं हुई थी. यह पूछे जाने पर कि यदि मैथ्यू बिजनेस करने के लिए आये थे, तो तात्कालीन पुलिस आयुक्त के पद पर कार्यरत श्री मिर्जा के पास क्यों भेजा.

श्री राय ने कहा कि वह बर्धमान में बिजनेस करना चाहते थे. जमीन लेने के लिए पुलिस आयुक्त की मदद लगती है. श्री राय ने साफ कहा कि नारदा मामले में दोषियों को सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा : नारदा और सारदा दोनों ही अलग-अलग मामले हैं. सारदा मामले में गरीब लोगों को धोखा दिया गया. उनके पैसे हड़पे गये, जबकि नारदा पूरी तरह से घूस लेने का मामला है, हालांकि दोनों ही कानून की दृष्टि से अपराध है. वह चाहते हैं कि वास्तविक सत्य सामने आये और आरोप प्रमाणित होने पर दोषियों को सजा मिले. उल्लेखनीय है कि नारदा कांड में कुल 13 आरोपी हैं. इनमें श्री मिर्जा एक मात्र सरकारी अधिकारी हैं.

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