कोलकाता : पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा है कि राज्य सरकार 19वीं सदी के समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर के उत्तरी कोलकाता में स्थित मकान में संग्रहालय बनाने पर विचार कर रही है. इस मकान में उन्होंने जिंदगी के अंतिम कुछ साल गुजारे थे. उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि बादुर बागान इलाके में विद्यासागर के आवास में संग्रहालय बनाया जायेगा.
इसमें पश्चिम मेदिनीपुर जिला से उत्तर कोलकाता में उनके घर तक की जीवन यात्रा के विभिन्न चरणों की तस्वीरें, तारीखवार घटनाक्रम आदि का विवरण होगा. शिक्षा मंत्री चटर्जी ने समाज सुधारक की 200वीं जयंती पर बादुर बागान आवास में ‘विद्यासागर अकादमी’ का उद्घाटन करने के बाद इस बारे में बताया.
मंत्री ने कार्यक्रम में दो किताबों ‘अामादेर विद्यासागर’ और ‘छोटोदेर विद्यासागर’ का भी विमोचन किया. विद्यासागर से जुड़े कुछ सामान को भी संग्रहालय में लोगों के देखने के लिए रखा जायेगा. यह सामान अभी मकान के स्टोर रूम में पड़ा है. उन्होंने कहा कि इससे वर्तमान पीढ़ी उस व्यक्ति के बारे में जानेगी, जिन्होंने महिलाओं पर अत्याचार के खिलाफ और विधवाओं के पुनर्विवाह के लिए आंदोलन छेड़ा था.
श्री चटर्जी ने कहा कि एक साल के लंबे कार्यक्रम के दौरान स्कूली शिक्षा और उच्चतर शिक्षा विभाग विद्यासागर के जीवन और कार्यों को रेखांकित करते हुए स्कूलों और कॉलेजों में सेमिनार का आयोजन करेगा. हाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि बीरसिंहपुर गांव में विद्यासागर के जन्मस्थल को शैक्षणिक पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित किया जायेगा.
विद्यासागर कॉलेज में बृहस्पतिवार को विद्यासागर की एक कांस्य प्रतिमा लगायी गयी. मंत्री ने परोक्ष रूप से भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा, ‘जो लोग विद्यासागर के समाज सुधार के खिलाफ हैं, उन्होंने उनके नाम पर बने संस्थान में प्रतिमा को तोड़ दिया था.’ मई में शहर में भाजपा प्रमुख अमित शाह के रोड शो के दौरान समाज सुधारक की आवक्ष प्रतिमा टूट गयी थी.