10 करोड़ के सोने से सजी है प्रतिमा
कोलकाता : दुर्गापूजा पंडालों में हमेशा से सुर्खियों में रहनेवाले कोलकाता के वीआइपी रोड स्थित श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब के पूजा पंडाल का रविवार को उद्घाटन हुआ. बांग्ला फिल्म अभिनेता देव के हाथों उद्घाटन किया गया. इस साल यहां का पूजा पंडाल मौर्य काल के महल की थीम पर आधारित है. उसे वास्तविकता रूप प्रदान करने […]
कोलकाता : दुर्गापूजा पंडालों में हमेशा से सुर्खियों में रहनेवाले कोलकाता के वीआइपी रोड स्थित श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब के पूजा पंडाल का रविवार को उद्घाटन हुआ. बांग्ला फिल्म अभिनेता देव के हाथों उद्घाटन किया गया. इस साल यहां का पूजा पंडाल मौर्य काल के महल की थीम पर आधारित है.
उसे वास्तविकता रूप प्रदान करने के लिए बांस, लकड़ी व फाइबर से लगभग 100 फीट ऊंचा पूजा पंडाल तैयार किया गया है. साथ ही चंद्रयान-2 का नजारा भी तैयार किया गया है. पूजा पंडाल के प्रवेश द्वार पर ही चंद्रयान के गेट के जैसा हुबहू तैयार किया गया है.
वीआइपी रोड के दोनों किनारों पर प्रकाश सज्जा के माध्यम से चंद्रयान 2 के चांद तक पहुंचने तक के सफर को दिखाया जायेगा. पूजा मंडप में मां दुर्गा सहित अन्य प्रतिमाएं भी थीम के अनुसार ही बनायी गयी हैं. मां दुर्गा, मां सरस्वती, मां लक्ष्मी, भगवान कार्तिक व भगवान गणेश की प्रतिमाओं को 10 करोड़ के सोने के गहनों से सजाया गया है.
कार्यक्रम में कमेटी के अन्य कई सदस्यगण भी मौजूद थे.
श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब, कोलकाता
मौर्य काल के महल की थीम पर आधारित है पूजा पंडाल
बांस, लकड़ी व फाइबर से बना है 100 फीट ऊंचा पंडाल
चंद्रयान-2 का नजारा भी मिलेगा देखने को, प्रवेश द्वार चंद्रयान के गेट के जैसा प्रकाश सज्जा के माध्यम से चंद्रयान-2 के चांद तक पहुंचने तक के सफर को दिखाया जा रहा है
शास्त्री बागान स्पोर्टिंग क्लब : हेरिटेज इमारतों को बनाया थीम
इस वर्ष पूजा आयोजन कमेटी के सदस्यों ने कोलकाता की हेरिटेज इमारतों को अपने पूजा का थीम बनाया है. कमेटी के सदस्यों का कहना है कि अत्याधुनिक जिंदगी में कोलकाता की हेरिटेज इमारतें व राजबाड़ी की गरिमा कहीं खो गयी है.
इस मंडप के जरिये आज के युवाओं के बीच कोलकाता में पहले के राजबाड़ी व हेरिटेज इमारतों के बीच गुजरनेवाली लोगों की जिंदगी की छवि को पेश करने की कोशिश की गयी है. पूरे मंडप को तीन भागों में विभक्त किया गया है. मंडप में प्रवेश करने पर लोग गुफा से होकर गुजरेंगे, इसके बाद अंधकार भरे रास्तों से होकर गुजरने के बाद वे मंडप के भीतर प्रतिमा के दर्शन करेंगे.