बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरुरत
कोलकाता : कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बढ़ती आत्महत्या की प्रवृति पर चिंता जताते हुए कहा कि इसके खिलाफ लोगों को सतर्क होने की जरूरत है. सोशल मीडिया पर अपना विचार रखते हुए अधीर ने कहा कि सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने से स्थिति नियंत्रण में नहीं आने वाली. अब […]
कोलकाता : कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बढ़ती आत्महत्या की प्रवृति पर चिंता जताते हुए कहा कि इसके खिलाफ लोगों को सतर्क होने की जरूरत है. सोशल मीडिया पर अपना विचार रखते हुए अधीर ने कहा कि सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने से स्थिति नियंत्रण में नहीं आने वाली.
अब वक्त आ गया है कि हमलोग मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भी सजग रहें. उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में हर साल आठ लाख लोग आत्महत्या करते हैं. यानि प्रति 40 सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है. इस रफ्तार से आत्महत्या से लोगों की मरने की संख्या दूसरे नंबर पर है.
भारत में हर साल मानसिक रूप से अस्वस्थ होकर एक लाख 80 हजार लोग आत्महत्या करते हैं. इसमें सबसे ज्यादा लोग तमिलनाडू, महाराष्ट्र व पश्चिम बंगाल के होते हैं. यहां पर आत्महत्या करनेवाले लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है. अधीर ने कहा कि मानसिक अवसाद से छोटे बच्चे जो स्कूल कॉलेजों में पढ़ते हैं. उनके अंदर आत्महत्या करने की प्रवृति तेजी से बढ़ रही है.
लिहाजा स्कूल कालेजों में पढ़ रहे बच्चों के प्रति अभिवावकों को और जागरूक होने की जरूरत है, क्योंकि अपनी संतान को आंखों के सामने मरते हुए देखना सबसे ज्यादा कष्टकारी होता है. यह दर्द सारा जीवन सालते रहता है. लिहाजा अभिवावकों को बच्चों के हेल्थ को लेकर सजग रहने की जरूरत है. केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं, मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना होगा.
केंद्र चाहे तो राष्ट्रपति शासन लगा सकता है
कोलकाता. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की हालत बेहद खराब है. केंद्र चाहे तो यहां पर राष्ट्रपति शासन लगा सकता है. हालांकि भाजपा के प्रदेश नेता भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के पक्ष में लगातार बयानबाजी कर रहे हैं.
अधीर रंजन ने कहा कि यहां पर इसी तरह से कानून व्यवस्था की हालत खराब होती रही तो राष्ट्रपति शासन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है. अधीर ने केंद्र सरकार के साथ ममता बनर्जी के बीच साठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसी क्या वजह हुई कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के साथ ममता बनर्जी की मुलाकात के बाद सारधा चिटफंड घोटाले की जांच में सुस्ती आ गयी. उन्होंने सवाल किया कि क्या इस मामले में दोनों पक्षों के बीच कोई सौदा हुआ है.
जियागंज हत्याकांड का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं साबित करती हैं कि पश्चिम बंगाल में सत्ता की शह पर अपराधियों के हौसले बुलंद हैं.