profilePicture

यस गुरुजी डॉट कॉम ने हिंदीभाषी छात्रों के लिए नि:शुल्क ऑनलाइन ट्यूशन आरंभ की

पाइलट प्रोजेक्ट के रूप में कक्षा ग्यारह की पढ़ाई आरम्भ की गयीप्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीपीएम मोदी YouTube से करते हैं करोड़ों की कमाई, केवल एक वीडियो से हुई 10780560 रुपये की आमदनीNepal Violence : क्या 17 साल में 10 प्रधानमंत्री से त्रस्त नेपाल में होगी राजशाही की वापसी?Jayant Chaudhary: क्या है ऑरवेलियन-1984, जिसका मंत्री […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 16, 2019 1:27 AM

पाइलट प्रोजेक्ट के रूप में कक्षा ग्यारह की पढ़ाई आरम्भ की गयी

प्रोजेक्ट की सफलता के बाद कक्षा आठ से बारह तक की पढ़ाई शुरू होगी
ये स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (अमेरिका) के पूर्व छात्र व बिहार निवासी बाल कृष्ण शुक्ला ने मोर्चा खोला
हिंदी माध्यम के छात्रों को बेहतर शिक्षा देने के उद्देश्य से यस गुरुजी डॉट कॉम की स्थापना
कोलकाता : आर्थिक बदहाली की वजह से अच्छी, उच्च व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हिंदी माध्यम छात्रों को 24 घंटे, सातों दिन घर पर ही नि:शुल्क शिक्षा प्रदान कर, उनके शिक्षा के स्तर को अव्वल बनाने के उद्देश्य से जेएनयू के पूर्व छात्र, पटना (बिहार) के निवासी बाल कृष्ण शुक्ला ने अपने कुछ मित्रों के साथ मिल कर हिंदी माध्यम में कक्षा ग्यारह के छात्रों को गणित, विज्ञान और अंग्रेज़ी संकाय के सभी विषयों में नि:शुल्क ऑनलाईन ट्यूशन देने का कार्य आरंभ किया है.
यस गुरुजी डॉट कॉम वेबसाइट के माध्यम से देश के सर्वश्रेठ गिने चुने शिक्षकों द्वारा पाठ्यक्रम के हर अध्याय को बहुत ही बेहतर तरीके से छात्रों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया है. वेबसाइट में लॉग इन कर छात्र घर बैठे ही अध्ययन कर सकते हैं. इसके लिए छात्र अपने एनराॅयड मोबाइल फोन, टैब या कंप्यूटर पर बैठ कर ऑनलाइन शिक्षकों से जितनी देर चाहें ट्यूशन ले सकते हैं. इसके लिए एक भी पैसे का भुगतान उन्हें नहीं करना पड़ेगा.
श्री शुक्ला ने बताया कि पाइलट प्रोजेक्ट के रूप में कक्षा ग्यारह की विज्ञान संकाय की गणित, अंग्रेजी, जीवविज्ञान, भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान के विषयों की ट्यूशन दी जा रही है. यह प्रोजेक्ट यदि सफल रहा तो हिंदी माध्यम के कक्षा आठ से लेकर बारह तक सभी विषयों की ट्यूशन आरम्भ की जाएगी.
बिहार के पटना शहर में जन्मे श्री शुक्ला की स्कूली पढ़ाई बिहार में हुई. उच्च शिक्षा की पढ़ाई उत्तरप्रदेश और दिल्ली में पूरी करने के बाद वर्ष 2003 में अमेरिका चले गये. अमेरिका के येल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, जहां से जार्ज बुश और बिल क्लिंटन ने पढ़ाई की थी, वहां से एमबीए की पढ़ाई वर्ष 2005 पूरी कर 2010 तक वहीं नौकरी करने के बाद भारत आ गये. यहां मुंबई में एक प्रतिष्ठित संस्था में स्ट्रेटजी प्रमुख की नौकरी करने के बाद फिलहाल दिल्ली में एडमिट स्क्वायर संस्था में प्रवेश सलाहकार और यस गुरुजी डॉट कॉम के मुख्य कार्यकारिणी अधिकारी (सीईओ) हैं.
श्री शुक्ला ने बताया कि काफी सर्वे करने के बाद पाया गया कि खुशहाली और तंगी के बीच सबसे बड़ा अंतर शिक्षा का है. अधिकांशतः जहां शिक्षा है वहां खुशहाली है और जहां शिक्षा नहीं है, वहां तंगी है. पैसे वाले, अपने बच्चों के लिए शिक्षा किसी भी कीमत पर खरीद रहे हैं. उनके बच्चे अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ते हैं. अधिकांश गरीबों के बच्चे ही सरकारी स्कूलों में हिंदी माध्यम से पढ़ाई करते हैं. प्रतियोगिता की दौड़ में वे शुरू में ही हार जाते हैं. किसी तरह माध्यमिक की पढ़ाई पूरी कर आगे की पढ़ाई जारी रखना उनके लिए कठिन हो जाता है.
इन बच्चों को उच्च शिक्षा प्रदान करने की दिशा में काफी शोध करने के बाद यह निष्कर्ष निकला कि आज के दौर में हर छात्र के पासएक एनराॅयड मोबाइल फोन जरूर है. इसी फोन को ही उनके शिक्षा का माध्यम बनाने की रणनीति तैयार की है. देश के सर्वश्रेठ गिने-चुने शिक्षकों को लेकर पाइलट प्रोजेक्ट के रूप में कक्षा ग्यारह के लिये गणित, विज्ञान और अंग्रेज़ी विषय की शिक्षा स्टूडियो में तैयार किया गया.
एनसीआरटीई की सिलेबस में गणित, विज्ञान और अंग्रेजी विषय के सभी अध्याय को शिक्षकों ने बारीकी से समझाया है, जिसका पूरा वीडियो एक साल में तैयार किया गया. यस गुरुजी डॉट कॉम (YesGuruji.com) वेबसाइट बना कर सारा वीडियो उसमें अपलोड कर दिया गया है. कोई भी छात्र इस वेबसाइट में जाकर अपना नाम रजिस्टर्ड करवा कर नि:शुल्क शिक्षा ग्रहण कर सकता है. रजिस्ट्रेशन से लेकर पढ़ाई सीखने के लिए कोई शुल्क नहीं है.
छात्र के पास यदि किसी विषय से जुड़ा कोई सवाल हो तो वह साइट में लिख सकते हैं. उसका जवाब शिक्षक देंगे. उन्होंने बताया कि इस अभियान में मुगलसराय निवासी व दिल्ली में चिकित्सक डॉ रजनीकांत प्रसाद, लखीसराय निवासी व दिल्ली में एक अमेरिकन संस्था एईटीएनए के उपाध्यक्ष हर्षवर्धन सहित कुछ सम्मानित व्यक्ति भी शामिल हैं.

Next Article

Exit mobile version