2020 से कक्षा पांचवीं से आठवीं तक कम्प्यूटर अनिवार्य

कोलकाता : राज्य के सभी अनुदान प्राप्त व स्पॉन्सर्ड माध्यमिक स्कूलों में कम्प्यूटर विषय अनिवार्य रूप से पढ़ाया जायेगा. इसकी घोषणा हालांकि बहुत पहले ही सरकार ने कर दी थी. इस पाठ्यक्रम के लिए अब पुस्तक नवंबर तक तैयार की जायेंगी. अब इसको वर्ष 2020 में लागू किया जायेगा. कक्षा 5 से 8 तक में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 21, 2019 6:38 AM

कोलकाता : राज्य के सभी अनुदान प्राप्त व स्पॉन्सर्ड माध्यमिक स्कूलों में कम्प्यूटर विषय अनिवार्य रूप से पढ़ाया जायेगा. इसकी घोषणा हालांकि बहुत पहले ही सरकार ने कर दी थी.

इस पाठ्यक्रम के लिए अब पुस्तक नवंबर तक तैयार की जायेंगी. अब इसको वर्ष 2020 में लागू किया जायेगा. कक्षा 5 से 8 तक में इसको अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाने के लिए एक सम्पूर्ण पाठ्यक्रम तैयार किया गया है. सिलेबस कमेटी के दिशा-निर्देश पर प्राथमिक शिक्षा बोर्ड व माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सहयोग से इसका पाठ्यक्रम तैयार किया गया है. माध्यमिक स्कूलों में इसको अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाने के लिए इस विषय के विशेषज्ञों को नियुक्ति किया जायेगा.
हालांकि दिल्ली के सीबीएसइ व आइसीएसइ बोर्ड ने पहले ही कक्षा 5वीं में कमप्यूटर शिक्षा को अनिवार्य विषय के रूप में शुरु कर दिया था. बंगाल सरकार इसको अभी शुरू कर रही है. यह जानकारी देते हुए राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी ए के सरकार ने बताया कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली में माध्यमिक के छात्र कक्षा 9वीं व 10वीं में अतिरिक्त विषय के रूप में कम्प्यूटर एप्लीकेशंस का अध्ययन कर सकते हैं.
अपर-प्राइमरी के बच्चों के लिए विभाग ने कम्प्यूटर शिक्षा अनिवार्य रूप से पढ़ाये जाने का निर्देश जारी किया है. इस विषय में शिक्षक संगठन के प्रतिनिधियों का कहना है कि यह योजना तभी सफल होगी, जब सभी स्कूलों में कम्प्यूटर, इन्टरनेट की सुविधा के साथ बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर होगा. दूर-दराज के कई स्कूलों में न तो कम्प्यूटर है न तो कम्प्यूटर-शिक्षक है. वहां पर अनिवार्य विषय के रूप में कम्प्यूटर की पढ़ाई पढ़ाना स्कूलों के लिए समस्या हो सकती है.
इसके लिए पहले स्कूलों का इन्फ्रास्ट्रक्चर ठीक करना होगा. कुछ स्कूलों में तो अभी तक कम्प्यूटर की सप्लाई नहीं की गयी है.
कम्प्यूटर की पाठ्य-पुस्तकें छपवाने से पहले साधन स्कूलों को मुहैया करवाने होंगे. हैडमास्टर एसोसिएशन के सदस्य रंजन माइती ने बताया कि शहरों में लगभग सभी स्कूलों में कम्प्यूटर, इन्टरनेट की सुविधा है लेकिन पिछड़े इलाकों में अब तक यह सुविधा उपलब्ध नहीं है.

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