बेटियों को कम आंकनेवालों की आंखें खोलती हैं ‘नैना’

हावड़ा : 19 साल की नैना की कहानी कई माता-पिता की आंखें खोल देगी. खासकर उनलोगों की, जो बेटी को बेटे से कम समझते हैं. नैना अभी 19 साल की है, लेकिन उसकी कामयाबी की फेहरिस्त बहुत लंबी है. आठ साल की उम्र में मैट्रिक, 10 साल में 12वीं, 13 साल में पत्रकारिता में स्नातक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 23, 2019 2:21 AM

हावड़ा : 19 साल की नैना की कहानी कई माता-पिता की आंखें खोल देगी. खासकर उनलोगों की, जो बेटी को बेटे से कम समझते हैं. नैना अभी 19 साल की है, लेकिन उसकी कामयाबी की फेहरिस्त बहुत लंबी है. आठ साल की उम्र में मैट्रिक, 10 साल में 12वीं, 13 साल में पत्रकारिता में स्नातक और 15 साल में राजनीतिक शास्त्र में एमए की डिग्री ले चुकी हैं.

फिलहाल वह पीएचडी कर रही है. नैना की सफलता की कहानी यहीं खत्म नहीं हुई है. पढ़ाई के साथ उसने खेल जगत में भी अपना परचम लहराया है. वर्ष 2011 में नेशनल टेबल टेनिस प्रतियोगिता में भी चैंपियन रही. 2014 में पाकिस्तान में आयोजित साउथ एशियन चैंपियनशिप में भी उसने अपना सिक्का जमाया. अब तक वह टेबल टेनिस में कई गोल्ड जीत चुकी है. अभी नैना हावड़ा पहुंचीं हैं. डोमूरजोला में नेशनल रैकिंग टेबल टेनिस टूर्नामेंट में नैना तेलंगाना का प्रतिनिधित्व कर रही हैं.
हैदराबाद की हैं नैना
नैना का जन्म हैदराबाद में हुआ है. पिता अश्विनी कुमार शिक्षाविद हैं औक मां भी एमएससी हैं, लेकिन घर का काम संभालती हैं. एक छोटा भाई अगस्त्य है. उसने भी 10 वर्ष में 12वीं की परीक्षा पास कर ली. वह डॉक्टर बनना चाहता है. नैना बचपन से स्कूल नहीं गयी. घर पर ही शिक्षा प्राप्त की. उसके पिता ही उसके टीचर रहे. आठ साल की उम्र में नैना मैट्रिक के सभी विषयों में माहिर हो गयी. पिता ने राज्य बोर्ड, सीबीएसइ और आइसीएसइ बोर्ड से मैट्रिक परीक्षा में बैठने के लिए आवेदन किया, लेकिन सभी बोर्ड ने इंकार कर दिया.
वजह साफ था कि नैना उस समय आठ साल की थी. पिता अश्विनी ने भी हार नहीं मानी. उन्होंने सीआइए (कैम्ब्रिज इंटरनेशनल एडुकेशन बोर्ड, लंदन) में आवेदन किया. बोर्ड ने नैना को मैट्रिक की परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी. मैट्रिक की परीक्षा में उसे ‘ग्रेड ए’ रैंक मिला. इसके बाद नैना ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
आइएएस बनने का है सपना
नैना ने कहा कि उसे आइएएस ही बनना है. वह यूपीएससी की तैयारी कर रही है. उसने बताया कि आइएएस इसलिए बनना है कि उसे महिला सशक्तीकरण के लिए बहुत काम करना है. वह दोनों हाथों से आसानी से लिख लेती हैं. नैना कहती हैं कि वह उन अभिभावकों को संदेश देना चाहती हैँ, जो बेटी के जन्म पर मायूस होते हैं. बेटियां सब कुछ कर सकती हैं.
सिर्फ उन्हें माता-पिता का साथ चाहिए. नैना पूर्व आइपीएस किरण बेदी की फैन हैं. उसे गाने सुनना पसंद है लेकिन फिल्मी गानों से लगाव नहीं है. प्रेरक गीत सुनना और पुस्तक पढ़ना, नैना को अच्छा लगता है. सोशल मीडिया से भी बहुत लगाव नहीं है. नैना खाना पकाने में भी माहिर हैं. हैदराबादी बिरयानी से लेकर कई व्यजंन नैना बना लेती हैं.

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