राज्यपाल ने उत्तर और दक्षिण 24 परगना में बुलायी थी बैठक
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ऐसा लग रहा है कि बंगाल में है सेंसरशिप : राज्यपाल
राज्यपाल ने उत्तर और दक्षिण 24 परगना में बुलायी थी बैठक कोलकाता : राज्यपाल जगदीप धनखड़ और ममता बनर्जी की सरकार के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है. राज्यपाल ने मंगलवार को उत्तर 24 परगना के धामाखाली और दक्षिण 24 परगना के सजनीखाली में जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक बुलायी थी. राज्यपाल तय समय […]
कोलकाता : राज्यपाल जगदीप धनखड़ और ममता बनर्जी की सरकार के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है. राज्यपाल ने मंगलवार को उत्तर 24 परगना के धामाखाली और दक्षिण 24 परगना के सजनीखाली में जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक बुलायी थी. राज्यपाल तय समय पर पहुंच गये, लेकिन वहां सरकारी अधिकारी और जनप्रतिनिधि नदारद मिले.
राज्यपाल की बैठक में कोई भी अधिकारी शामिल नहीं हुआ. किसी जनप्रतिनिधि को भी बैठक के बारे में सूचना नहीं दी गयी थी. इस कारण जनप्रतिनिधि भी उपस्थित नहीं हुए. इससे नाराज राज्यपाल ने कहा कि उन्हें ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल में किसी प्रकार की सेंसरशिप है. मुख्यमंत्री उत्तर बंगाल के दौरे पर गयी हैं, तो क्या पूरा जिला प्रशासन ही छुट्टी पर चला गया है.
यदि राज्यपाल बैठक के लिए बुलाते हैं, तो इसके लिए क्या राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी.गौरतलब है कि जिला अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के प्रशासनिक दौरे को देखते हुए राज्यपाल की बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया.
राज्यपाल ने पिछले हफ्ते उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों के जिला जिलाधिकारी, नौकरशाहों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ बैठकें करने की इच्छा जतायी थी. उन्होंने मंगलवार से यहां का दौरा प्रारंभ किया है. राज्यपाल कार्यालय को सोमवार शाम दो जिलों के जिला मजिस्ट्रेटों से पत्र मिले, जिनमें कहा गया था कि अधिकारी मुख्यमंत्री के उत्तर बंगाल के दौरे में व्यस्तता के चलते राज्यपाल की बैठकों में शामिल नहीं हो पायेंगे. अधिकारियों ने कहा कि उनके (राज्यपाल) दौरे के मद्देनजर वैकल्पिक व्यवस्था की जायेगी.
राज्यपाल ने कहा : जिला अधिकारियों के पत्र देखकर मैं हैरान हूं. पत्रों में उन्होंने बैठकों में शामिल होने में असमर्थता जतायी है वह भी तब जबकि उन्हें चार दिन पहले इस बाबत सूचना दी गयी थी. पता नहीं, लेकिन ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल में किसी तरह की सेंसरशिप है. उन्होंने कहा : पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को लग रहा है कि उनकी बैठक में शामिल होना उनकी डिग्निटी (मर्यादा) के खिलाफ है. सिलीगुड़ी के बाद उत्तर और दक्षिण 24 परगना में अधिकारी उनकी बैठक में शामिल नहीं हुए.
यह शर्मनाक है. उन्होंने (राज्यपाल) कभी भी लक्ष्मणरेखा का उल्लंघन नहीं किया है और न ही करेंगे. वह लोगों के हित में काम कर रहे हैं. गौरतलब है कि धनखड़ और राज्य सरकार के बीच कई मुद्दों को लेकर विवाद चल रहा है. इससे पहले राज्यपाल ने उत्तर बंगाल का दौरा किया था. सिलीगुड़ी में भी उनकी बैठक में राज्य सरकार का कोई अधिकारी हाजिर नहीं हुआ.
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