कोलकाता : केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा विज्ञान भारती के संयुक्त तत्वावधान में पांच से आठ नवंबर तक कोलकाता में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आइआइएसएफ) 2019 का आयोजन किया गया है. महोत्सव की शुरुआत वर्ष 2015 में हुई थी. यह इस महोत्सव का पांचवां संस्करण है.
विज्ञान प्रसार के रजिस्ट्रार डॉ अरविंद रानाडे ने ‘प्रभात खबर’ को बताया कि पांच नवंबर को केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन की उपस्थिति में महोत्सव का विश्व बांग्ला कन्वेंशन सेंटर में उद्घाटन होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कार्यक्रम के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया है. हालांकि अभी तक पीएमओ ने स्पष्ट नहीं किया है कि श्री मोदी इसमें शामिल हो पायेंगे या नहीं.
उन्होंने बताया कि महोत्सव के दौरान केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा सहित विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियां कार्यक्रमों में शिरकत करेंगी. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस वर्ष के महोत्सव का मुख्य विषय ‘राइजेन इंडिया अर्थात राष्ट्र को सशक्त बनाता अनुसंधान, नवाचार और विज्ञान’ रखा गया है.
आइआइएसएफ 2019 में भारत और दुनिया के करीब 12 हजार लोगों के आने की उम्मीद है. यह आयोजन मुख्य रूप से कोलकाता के विश्व बांग्ला कन्वेंशन सेंटर और साइंस सिटी में होगा. महोत्सव के दौरान इससे संबंधित कुछ कार्यक्रम सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट, बोस इंस्टीट्यूट तथा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल बायलॉजी में आयोजित किये जायेंगे. इस दौरान 28 से अधिक विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम होंगे.
स्कूली विद्यार्थियों के लिए आइआइएसएफ 2019 के दौरान छात्र विज्ञान ग्राम कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. इसमें देशभर से करीब 2500 स्कूली विद्यार्थियों को आमंत्रित किया गया है. इसके साथ ही युवा वैज्ञानिक सम्मेलन भी होगा. इसमें करीब 1500 युवा वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के भाग लेने की उम्मीद है.
साइंस सिटी में आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी के माध्यम से भारत की वैज्ञानिक एवं तकनीकी क्षमता की वृहत झांकी लगायी जायेगी. विश्व बांग्ला सेंटर में पुस्तक मेला का भी आयोजन किया गया है. महोत्सव के दौरान ‘विज्ञानिका’ नामक विज्ञान साहित्य समारोह का आयोजन किया जायेगा, जिसमें विज्ञान संचार की अनेक विधाओं से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे.
इस महोत्सव में वैज्ञानिक उन्नति में भागीदारी करने वाली महिला वैज्ञानिकों और उद्यमियों की विशेष भूमिका को भी रेखांकित किया जायेगा. इसमें लगभग 700 महिला वैज्ञानिकों और उद्यमियों के शामिल होने की उम्मीद है.