हल्के गहनों पर ग्राहकों का झुकाव

सोने की बढ़ी कीमत की मार कोलकाता : सोने की बढ़ती कीमत के मद्देनजर ग्राहकों का झुकाव हल्के गहनों की ओर है. ग्राहक अपेक्षाकृत हल्के गहने खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं. ज्वेलरी बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि दीपावली के मद्देनजर गहनों की बिक्री में इजाफा हुआ है, लेकिन पूर्व वर्ष की बिक्री […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2019 1:25 AM

सोने की बढ़ी कीमत की मार

कोलकाता : सोने की बढ़ती कीमत के मद्देनजर ग्राहकों का झुकाव हल्के गहनों की ओर है. ग्राहक अपेक्षाकृत हल्के गहने खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं. ज्वेलरी बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि दीपावली के मद्देनजर गहनों की बिक्री में इजाफा हुआ है, लेकिन पूर्व वर्ष की बिक्री की तुलना में इसमें इजाफा होने की संभावना नहीं है.
आरआर अग्रवाल ज्वेलर्स के निदेशक रतनलाल अग्रवाल ने प्रभात खबर से बातचीत करते हुए कहा : भारतीय परंपरा के अनुसार दीपावली को लेकर पिछले पांच-सात दिनों में सोने और हीरे आदि के गहनों की खरीदारी में इजाफा हुआ है, हालांकि वर्तमान में पूर्व की तुलना में सोने की कीमत बढ़ी है, लेकिन पूर्व वर्ष की तुलना में बिक्री में वृद्धि होने की सं‍भावना नहीं है. गुरुवार को 22 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत 37,500 रुपये रही है.
उन्होंने कहा कि सोने की कीमत में बढ़ोत्तरी और आर्थिक मंदी ज्वेलरी बाजार में बढ़ोत्तरी नहीं होने के प्रमुख कारण हैं. उन्होंने कहा : हिंदू परंपरा के अनुसार दीपावली के अवसर पर गहने खरीदने की परंपरा है, लेकिन कीमत अधिक होने के कारण लोग पहले की तुलना में हल्के गहने खरीद रहे है, लेकिन गहनों पर लोगों को विश्वास पूरी तरह से बरकरार है.
उन्होंने कहा : भविष्य में और भी सोने की कीमत बढ़ेगी. 30 साल पहले 10 ग्राम सोने की कीमत 450 से 500 रुपये थी, लेकिन वर्तमान में इनकी कीमत 37500 रुपये है तथा भविष्य में कीमत और भी बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि सोना की कीमत प्राचीन काल से रही है और भविष्य में भी रहेगी. कोई भी देश की सरकार या केंद्रीय बैंक सोने को ही पूंजी के रूप में रिजर्व रखता है. इस कारण इसका मूल्य सदा ही बना रहेगा. यह पूछे जाने पर क्या सोने की कीमत बढ़ने के कारण लोग रियल इस्टेट में निवेश कर रहे हैं, श्री अग्रवाल ने कहा कि रियल इस्टेट और सोने में निवेश में अंतर है. संकट की स्थिति में सोना कभी भी और कहीं भी बेची जा सकती है, लेकिन रियल इस्टेट का ग्राहक समय पर मिलना और सटीक दाम मिलना बहुत ही मुश्लिक होता है. इसलिए सोना सदा ही सोना ही रहेगा और सोने की मांग बनी रहेगी.

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