धन के बढ़ते महत्व से समाज में अराजकता : प्रह्लाद राय गोयनका

कोलकाता : मारवाड़ी समाज अपने विशिष्ट परम्पराओं को दरकिनार कर धन के पीछे दौड़ रहा है, फलस्वरूप समाज में अराजकता का वातावरण पैदा हो रहा है. दहजे प्रथा हो या दिखावा, आर्थिक अपराधों का बढ़ता प्रकोप, इन सबके पीछे पैसे को आवश्यकता से अधिक महत्व देना है. ये उद्गार हैं समाजसेवी प्रह्लाद राय गोयनका के, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 29, 2019 1:58 AM

कोलकाता : मारवाड़ी समाज अपने विशिष्ट परम्पराओं को दरकिनार कर धन के पीछे दौड़ रहा है, फलस्वरूप समाज में अराजकता का वातावरण पैदा हो रहा है. दहजे प्रथा हो या दिखावा, आर्थिक अपराधों का बढ़ता प्रकोप, इन सबके पीछे पैसे को आवश्यकता से अधिक महत्व देना है.

ये उद्गार हैं समाजसेवी प्रह्लाद राय गोयनका के, जो उन्होंने सोमवार की शाम ज्ञान मंच में पश्चिम बंगाल प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन द्वारा आयोजित पारम्परिक दीपावली प्रीति सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कही. श्री गोयनका ने कहा समाज में विद्वानों एवं ज्ञानी गुणियों का सम्मान होना चाहिये एवं उनका मार्ग दर्शन हेतु आह्वान किया जाना चाहिए.

श्री गोयनका ने कहा कि कुछ लोग समाज सेवा के नाम पर अपने को स्वम्भू मार्ग दर्शक मान लेते हैं एवं समाज को बदनाम करने की कोशिश करते हैं, यह सर्वथा निंदनीय है. श्री गोयनका ने कहा कोई भी व्यक्ति समाज से ऊपर नहीं है. प्रारम्भ में स्वागत भाषण देते हुए कार्यक्रम के संचालक व सम्मेलन के पूर्व अध्यक्ष विश्वंभर नेवर ने कहा कि युवक-युवतियों को विश्वास में लेकर ही सामाजिक सुधार के कार्यों को आगे बढ़ाया जा सकता है.

उन्होंने यह भी बताया कि टैगोर के गीतों का राजस्थानी कारवां कार्यक्रम के कोलकाता में सफल आयोजन के पश्चात् अब यह कार्यक्रम जयपुर में होने जा रहा है. सम्मेलन के अध्यक्ष जगदीश चंद्र एन मूंधड़ा ने धन्यवाद ज्ञापन किया. अध्यक्ष हरिराम गर्ग ने अतिथियों का स्वागत किया. सचिव घनश्याम शर्मा ने दीपोत्सव की बधाई दी. गीतकार सुसन दुबे ने पूजा के प्रारम्भ में हिंदी व राजस्थानी गीतों से प्रीति सम्मेलन का समां बांधा. सामाजिक कार्यकर्ताओं के अलावा कई सेवा संस्थाओं के प्रतिनिधि कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

Next Article

Exit mobile version