कोलकाताः राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों में पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक विदेशी कैदी होने का दावा किया गया है. इनमें से ज्यादातर बांग्लादेशी हैं. इस रिपोर्ट से भाजपा को राज्य में एनआरसी लागू करने की वकालत करने के लिये एक और ठोस वजह मिल गई है. भाजपा ने लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में एनआरसी, बांग्लादेश से घुसपैठ और तृणमूल सरकार द्वारा मुस्लिम तुष्टिकरण किये जाने को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया था. उसे राज्य की 42 में से 18 सीटें हासिल हुई थीं और अब इन आंकड़ों को भी वह चुनावी हथियार बनाने की तैयारी कर रही है.
एनसीआरबी के 2017 के आंकड़ों के अनुसार सभी राज्यों की तुलना में पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक विदेशी कैदी है. उसके अनुसार 1,379 विदेशी कैदी पश्चिम बंगाल की जेलों में बंद हैं, जो कि देश में बंद कुल विदेशी कैदियों का 61.9 प्रतिशत है. इस महीने की शुरुआत में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार इसके बाद करीब सात प्रतिशत विदेशी कैदी महाराष्ट्र, 6.8 प्रतिशत उत्तर प्रदेश में बंद है.
आंकड़ों के अनुसार, भारत में सबसे अधिक बांग्लादेशी विदेशी कैदी बंद हैं. कुल 1,403 बांग्लादेशी भारतीय जेलों में बंद है, जिसमें से 1,284 पश्चिम बंगाल में बंद हैं. एनसीआरबी गृह मंत्रालय के अधीन काम करता है. यह देश में भारतीय दंड संहिता और विशेष तथा स्थानीय कानूनों द्वारा परिभाषित अपराध के आंकड़ों को एकत्र करने और उनका विश्लेषण करने का काम करता है.
इस बीच, इसे चुनावी हथियार बनाने की तैयारी कर रही भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़े बांग्लादेश से लगातार हो रही अवैध घुसपैठ से हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उत्पन्न हो रहे खतरे को दर्शाता है. इस आंकड़े से हमारी एनआरसी लागू करने की मांग को ठोस आधार मिलेगा. बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल 2,216.7 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं, जिसके अधिकतर हिस्से में बाड़ नहीं लगी है.