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JEE परीक्षा गुजराती में भी कराने के फैसले का ममता ने किया विरोध, भाजपा सांसद ने भी दिया साथ

कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व भाजपा के राज्यसभा के सांसद डॉ स्वपन दासगुप्ता दोनों ही विरोधी राजनीतिक विचाराधारा का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन JEE की परीक्षा अंग्रेजी और हिंदी के साथ गुजराती भाषा में कराये जाने के निर्णय पर डॉ दासगुप्ता ने मुख्यमंत्री के साथ सुर में सुर मिलाकर इस निर्णय का विरोध किया […]

कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व भाजपा के राज्यसभा के सांसद डॉ स्वपन दासगुप्ता दोनों ही विरोधी राजनीतिक विचाराधारा का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन JEE की परीक्षा अंग्रेजी और हिंदी के साथ गुजराती भाषा में कराये जाने के निर्णय पर डॉ दासगुप्ता ने मुख्यमंत्री के साथ सुर में सुर मिलाकर इस निर्णय का विरोध किया है.

डॉ स्वपन दासगुप्ता ने ट्वीट किया : यह गलत है. यदि अंग्रेजी और हिंदी के अतिरिक्त गुजराती को जेइइ के लिए अनुमति दी जाती है,तो अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को क्यों शामिल नहीं किया गया. मैं केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय से अनुराध करता हूं कि इसमें तत्काल हस्तक्षेप करे और इस भेदभाव को दूर करे.

डॉ दासगुप्ता ने प्रभात खबर से बातचीत करते हुए कहा कि यदि गुजराती भाषा को शामिल किया जाता है, तो फिर मराठी, तेलगू, तमिल, ओडिया और बांग्ला को क्यों नहीं शामिल किया जायेगा. इस बारे में मानव संसाधन मंत्रालय को तत्काल कोई निर्णय लेना चाहिए.

उन्होंने कहा कि इसके पहले मराठी और गुजराती में परीक्षा हुई थी, लेकिन मराठी में अच्छा रिस्पांस नहीं मिलने के कारण यह केवल गुजराती में रखा गया है, लेकिन जिन भाषाओं की मांग है. उन सभी को अवसर दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस तरह के गलत फैसले के कारण ही मुख्यमंत्री को एक मुद्दा मिल गया है, जो पूरी तरह से अवांछनीय है.

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