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सब्जियों की बढ़ी कीमत, मुख्यमंत्री नाराज

कोलकाता : सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं. गुरुवार को मुख्यमंत्री ने नवान्न में टास्क फोर्स की बैठक कर तुरंत कीमतों पर लगाम लगाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि इस मामले में बिचौलियों और जमाखोर अगर इसका फायदा उठाने की कोशिश करेंगे, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. नवान्न में हुई बैठक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 15, 2019 1:50 AM

कोलकाता : सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं. गुरुवार को मुख्यमंत्री ने नवान्न में टास्क फोर्स की बैठक कर तुरंत कीमतों पर लगाम लगाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि इस मामले में बिचौलियों और जमाखोर अगर इसका फायदा उठाने की कोशिश करेंगे, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. नवान्न में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कृषि विपणन, कृषि, पंचायत, मत्स्य, पुलिस, एसटीएफ, सीआइडी व ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. बैठक में राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

बैठक के बाद सुश्री बनर्जी ने स्वीकार किया कि चक्रवाती तूफान बुलबुल के कारण सब्जियों की कीमत बढ़ने लगी है. कुछ समाज विरोधी लोग किसान से सब्जी खरीद रहे हैं और उन्हें चार गुना अधिक कीमत पर बेच रहे हैं. उन्होंने कहा कि चक्रवात में कुछ सब्जियां नष्ट हो गयी हैं. प्याज की किल्लत है. केंद्र सरकार बाहर से प्याज आयात कर रही है. राज्य सरकार का नाफेड के साथ समझौता हुआ था. इसमें 25 रुपये की दर से प्याज बिक्री की बात हुई थी, लेकिन वह समझौता उल्लंघन कर रहा है.
सुफल बांग्ला से प्याज प्रति किलोग्राम 59 रुपये की दर से बेची जा रही है. सुफल से प्याज की बिक्री और बढ़ायी जायेगी. उन्होंने कहा कि आलू किसान 13 से 15 रुपये प्रति किलोग्राम बेच रहे हैं. कई लोग ज्यादा दाम ले हैं. रिटेल मार्केट पर पुलिस नजर रखेेंगे. प्रवर्तन निदेशालय व पुलिस को नजरदारी करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि सात-आठ दिनों में स्थिति स्वाभाविक हो जायेगी. स्टॉक में 14 लाख मीट्रिक टन आलू है. तीन लाख मीट्रिक टन बीज के लिए इस्तेमाल होगा. बाकी 11 लाख टन को बेचा जायेगा. दो माह तक कोई समस्या नहीं होगी.
मुख्यमंत्री ने की राहत कार्य में राजनीति नहीं करने की अपील
कोलकाता. बुलबुल चक्रवात से प्रभावित लोगों की मदद के लिए केंद्र सरकार आगे आये. इस बाबत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगायी है. उन्होंने कहा कि केंद्र के आर्थिक पक्षपात के कारण चक्रवात से प्रभावित लोगों की मदद करने में राज्य सरकार को दिक्कत आ रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय कर वसूली में कमी के कारण राज्य को आर्थिक नुकसान हो रहा है.
चालू वित्त वर्ष के अक्टूबर महीने में इस मद में 640 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसके अलावा केंद्र सरकार के पास राज्य का 17 हजार करोड़ रुपये बकाया है. इस आर्थिक दिक्कत के कारण चक्रवात से प्रभावित लोगों लोगों की मदद करने में राज्य सरकार को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बावजूद इसके वह उम्मीद करती हैं कि इस मद में केंद्र सरकार की ओर से उन्हें मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय प्रतिनिधि दल को वह स्थिति की समीक्षा करने के लिए आमंत्रित कर रही हैं. इस चक्रवात में राज्य के 15 लाख हेक्टेयर जमीन पर फसल बर्बाद हुई है. लिहाजा लोगों के राहत कार्य को लेकर किसी तरह की राजनीति नहीं हो, इसकी वह सभी से अपील कर रही हैं.

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