26 नवंबर को संविधान दिवस पर विधानसभा का विशेष सत्र

अधिवेशन में राज्यपाल को आमंत्रण नहीं कोलकाता : राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच संवैधानिक अधिकारों को लेकर चल रही तकरार के बीच 26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया है. सत्र के दौरान संविधान विशेषज्ञों व विशिष्ट लोगों को आमंत्रित किया जायेगा, लेकिन अधिवेशन के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 20, 2019 1:52 AM

अधिवेशन में राज्यपाल को आमंत्रण नहीं

कोलकाता : राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच संवैधानिक अधिकारों को लेकर चल रही तकरार के बीच 26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया है. सत्र के दौरान संविधान विशेषज्ञों व विशिष्ट लोगों को आमंत्रित किया जायेगा, लेकिन अधिवेशन के दौरान राज्यपाल को आमंत्रित नहीं किये जाने की संभावना है. राज्य के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने विधानसभा स्थित अपने कक्ष में मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि 26 और 27 नवंबर को संविधान दिवस को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. इस सत्र में विशिष्ट लोग उपस्थित रहेंगे.
यह पूछे जाने पर कि क्या राज्यपाल को सत्र के दौरान आमंत्रित किया जायेगा, श्री चटर्जी ने कहा कि संवैधानिक नियमों के अनुसार राज्यपाल सत्र के आरंभ में अभिभाषण के लिए विधानसभा आते हैं. इसके अतिरिक्त उनका विधानसभा आने का कोई उदाहरण नहीं है और न ही कोई परंपरा है. उन्होंने कहा कि विशेष सत्र के दौरान 25 नवंबर को विधानसभा अध्यक्ष ने सर्वदलीय बैठक बुलायी है. इस बैठक में पूरी योजना पर चर्चा होगी.
29 से शुरू होगा विधानसभा का शीतकालीन सत्र: श्री चटर्जी ने कहा कि 29 नवंबर से विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होगा. राज्य सरकार चाहती है कि सत्र सात से आठ दिनों तक चले. सभी विभागों को संबंधित विधेयक की प्रति सत्र शुरू होने से पांच दिन पहले संसदीय विभाग को भेजने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान राज्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है.
सामूहिक पिटाई से संबंधित विधेयक पर अब तक राज्यपाल का दस्तखत नहीं : विधानसभा के पिछले सत्र में सामूहिक पिटाई से संबंधित विधेयक पारित किया गया था,लेकिन राज्यपाल द्वारा अभी तक विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं किये जाने के कारण यह लटका हुआ है. श्री चटर्जी ने कहा कि राज्यपाल ने कुछ मुद्दों की जानकारी के लिए कानून विभाग को नोट भेजा है और स्पष्टीकरण मांगा है.

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