बोलपुर (पश्चिम बंगाल) : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला में शांतिनिकेतन के पास स्थित एक इंग्लिश मीडियम मिशनरी स्कूल में कई छात्राओं को सिर्फ इसलिए लेगिंग्स उतारने के लिए मजबूर किया गया, क्योंकि उसके रंग स्कूल की वर्दी से मेल नहीं खा रहे थे.
घटना सोमवार की है, लेकिन यह बात उस समय सामने आयी, जब अभिभावकों ने स्कूल के सामने इसका विरोध किया. अभिभावकों ने आरोप लगाया कि सोमवार को पांच से नौ वर्ष की बच्चियां सुबह ठंड होने के कारण लेगिंग्स पहनकर स्कूल गयी थीं. प्रधानाचार्य और अन्य शिक्षकों ने उसके वर्दी से मेल नहीं खाने के कारण उसे उतरवा दिया.
एक छात्रा के पिता ने कहा, ‘मेरी बेटी सोमवार दोपहर जब वापस आयी, तो मैंने देखा कि उसने लेगिंग्स नहीं पहनी है. पूछने पर उसने बताया कि शिक्षक ने उसे उतरवा दिये.’ स्कूल की प्रधानाचार्य सिस्टर अर्चना फर्नांडीस ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि यह छात्रों को अपनी लेगिंग्स उतारने के लिए मजबूर करने की घटना नहीं थी.
उन्होंने कहा, ‘छात्रों को केवल लेगिंग्स देने को कहा था, क्योंकि वे स्कूल की वर्दी से मेल नहीं खा रही थी.’ एक वरिष्ठ शिक्षक ने कहा, ‘छात्रों को केवल लेगिंग्स उतारने के लिए कहा गया था, किसी के साथ जबरदस्ती नहीं की गयी.’
पश्चिम बंगाल शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, ‘हमने कथित घटना को गंभीरता से लिया है.’ उन्होंने कहा कि जिला शिक्षा विभाग से भी स्कूल के अधिकारियों से इस पर रिपोर्ट मांगने को कहा है. चटर्जी ने कहा, ‘रिपोर्ट मिलने के बाद मैं सुनिश्चित करूंगा कि उचित कार्रवाई की जाये. हम आइसीएसइ बोर्ड से भी इस संबंध में बात करेंगे.’