कैट का आग्रह, अमेजन प्रमुख से पहले हमसे मिलें प्रधानमंत्री

कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजकर आग्रह किया कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए अमेजन के प्रमुख जेफ बेजोस जनवरी में भारत आ रहे हैं. ऐसे में कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेज कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2019 3:18 AM

कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजकर आग्रह किया

कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए अमेजन के प्रमुख जेफ बेजोस जनवरी में भारत आ रहे हैं. ऐसे में कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेज कर आग्रह किया कि जेफ बेजोस से मिलने से पहले प्रधानमंत्री कैट के एक प्रतिनिधि मंडल को मिलने का समय दें, जिससे उनको ई-कॉमर्स व्यापार के वर्तमान हालातों पर देश के व्यापारियों के दृष्टिकोण और चिंताओं से अवगत कराया जा सके.
प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि देश का वर्तमान ई-कॉमर्स मार्केट को अमेजन और फ्लिपकार्ट ने अपनी अनुचित प्रथाओं से काफी हद तक विषाक्त किया है. ये कंपनियां सरकार की एफडीआइ नीति का लगातार घोर उल्लंघन कर रही हैं.
कैट ने कहा कि इन कंपनियों द्वारा बाजार मूल्य से बहुत कम कीमत पर सामान बेचते हुए ये कंपनियां सरकार को भारी जीएसटी राजस्व के नुकसान का कारण बन रही हैं. इसके अलावा, हर साल भारी नुकसान दर्ज करके ये कंपनियां आयकर दायित्वों से भी बच रही हैं. लागत से भी कम मूल्य और गहरी छूट में लिप्त होकर ये कंपनियां सरकार की एफडीआई नीति का घोर उल्लंघन कर रही हैं.
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल दोनों ने कहा कि कैट का स्पष्ट मत है कि ई-कॉमर्स व्यापार भविष्य का उभरता हुआ बाजार है और ऐसे में कैट ने ई-कॉमर्स व्यवसाय से 7 करोड़ व्यापारियों को जोड़ने के लिए 1 सितंबर, 2019 से देशव्यापी अभियान शुरू किया है जिसमें प्रत्येक व्यापारी की अपनी एक ई दुकान होगी.
श्री खंडेलवाल ने कहा कि कैट ई-कॉमर्स के पक्ष में हैं और अमेजन व फ्लिपकार्ट के भारत में व्यापार करने पर कोई एतराज नहीं है, लेकिन अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों को सरकार की एफडीआइ नीति का पालन करने की आवश्यकता है और टैक्स और अन्य कानूनों का पालन करने की आवश्यकता है, ताकि बाजार में समान प्रतिस्पर्धा का वातावरण बने. कैट ने कहा कि या तो अमेजन और फ्लिपकार्ट दोनों को सख्ती से एफडीआइ नीति का अनुपालन करने के लिए कहा जाये या उन्हें भारत से अपना व्यापार समेटना पड़ेगा.
कैट ने समय-समय पर घरेलू व्यापार और छोटे उद्योगों के संरक्षण और विकास के लिए नीतियों को लागू करने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा उठायी गयी चिंताओं और विभिन्न कदमों की सराहना की है. आरसीईपी पर हस्ताक्षर न करना, जीएसटी कर प्रणाली का सरलीकरण, राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड का गठन, व्यापारियों को पेंशन और अन्य मुद्दों ने देश के सात करोड़ व्यापारियों के बीच अधिक विश्वास को दोहराया है.

Next Article

Exit mobile version