संविधान देश के करोड़ों शोषित-पीड़ित नागरिकों की मुक्ति का दस्तावेज

महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, कोलकाता में मना संविधान दिवस कोलकाता ; महानगर स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के क्षेत्रीय केंद्र में मंगलवार को ‘संविधान दिवस’ के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत में केंद्र के प्रभारी डॉ सुनील कुमार ‘सुमन’ ने वहां उपस्थित शिक्षकों, विद्यार्थियों और कर्मचारियों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2019 2:13 AM

महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, कोलकाता में मना संविधान दिवस

कोलकाता ; महानगर स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के क्षेत्रीय केंद्र में मंगलवार को ‘संविधान दिवस’ के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत में केंद्र के प्रभारी डॉ सुनील कुमार ‘सुमन’ ने वहां उपस्थित शिक्षकों, विद्यार्थियों और कर्मचारियों को संविधान की प्रस्तावना पढ़कर शपथ दिलायी. उन्होंने कहा कि आज यदि हमारा देश दुनिया का एक बड़ा लोकतांत्रिक देश है तो इसका कारण देश का संविधान ही है.
यह संविधान देश के करोड़ों शोषित-पीड़ित नागरिकों की मुक्ति का दस्तावेज़ है, जो सभी को समान अवसर व अधिकार प्रदान करता है. किसी के साथ जाति, धर्म, लिंग, क्षेत्र, संप्रदाय आदि के नाम पर कोई भेदभाव नहीं करता. संविधान को देश के हर नागरिक के लिए पढ़ना जरूरी है, ताकि वह इसके महत्व को जान-समझ सकें और इसकी गरिमा को बरकरार रखना अपना नैतिक दायित्व समझें.
केंद्र की विजिटिंग फैकल्टी प्रो. चंद्रकला पांडेय ने कहा कि संविधान देश की रक्षा की बुनियाद है. सरकारें आती हैं और जाती हैं, लेकिन उनकी प्रतिबद्धता होती है कि वे देश के संविधान की रक्षा का प्रण लें. देश के हर नागरिक की भी ज़िम्मेदारी होती है कि यहां संविधान की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए ही काम किये जायें. केंद्र के सहायक संपादक राकेश श्रीमाल ने कहा कि देश के संविधान को पाठ्यक्रम में अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाना चाहिए, ताकि विद्यार्थियों को आरंभ से इसकी जानकारी हो सके. कार्यक्रम का संचालन जनसंचार विभाग के अतिथि अध्यापक डॉ ललित कुमार ने किया. कार्यक्रम में डॉ आलोक कुमार सिंह, काजल शर्मा, अमित कुमार साह, सुखेन शिकारी तथा रीता बैद्य की सहभागिता रही.

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