देवचा पचामी : 24 माह में होगा कोयला उत्पादन : सीएम
कोलकाता/हल्दिया : राज्य की बहुप्रतीक्षित देवचा पचामी कोयला ब्लॉक में खनन के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी मिल चुकी है. अगले सात दिन के अंदर ही यहां प्राथमिक स्तर पर कार्य शुरू कर दिया जायेगा. अगले 24 महीने में यहां उत्पादन शुरू हो जायेगा. यह जानकारी गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूर्व मेदिनीपुर जिले […]
कोलकाता/हल्दिया : राज्य की बहुप्रतीक्षित देवचा पचामी कोयला ब्लॉक में खनन के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी मिल चुकी है. अगले सात दिन के अंदर ही यहां प्राथमिक स्तर पर कार्य शुरू कर दिया जायेगा.
अगले 24 महीने में यहां उत्पादन शुरू हो जायेगा. यह जानकारी गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूर्व मेदिनीपुर जिले के दीघा में आयोजित बंगाल बिजनेस कांक्लेव के दौरान कही. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य है कि बीरभूम जिले में देवचा पचामी कोयला ब्लॉक में 24 महीने के भीतर उत्पादन शुरू हो जाये. देवचा पचामी कोयला ब्लॉक दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला ब्लॉक है और इसमें अनुमानित कोयला भंडार 2.1 अरब टन है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘परियोजना पर काम तुरंत शुरू कराने के लिए हम बेहद उत्सुक हैं. लेकिन कुछ इलाके बेदखली के मुद्दे का सामना कर रहे हैं. इसमें कुछ समय लगेगा.’
मुख्यमंत्री ने यहां ‘बंगाल बिजनेस कॉन्क्लेव’ में कहा, ‘हालांकि, हमसे संबंधित कुछ भूखंड पर हमलोग अगले सात दिन में काम शुरू कर देंगे और 24 महीने के भीतर कोयला ब्लॉक में उत्पादन शुरू हो जाये.’ पश्चिम बंगाल बिजली विकास निगम लिमिटेड (डब्ल्यूबीपीडीसीएल) ने बीरभूम के दक्षिण-पश्चिम भाग में देवचा-पचामी ब्लॉक और जिले के पश्चिमी छोर पर दीवानगंज हरिनसिंघा ब्लॉक आवंटित किया है. उल्लेखनीय है कि यहां लगभग 12 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा और इससे यहां एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा.
यहां कोयला खनन के लिए अधिक मशक्कत करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जमीन के 200 से 300 मीटर नीचे कोयले का भंडार है.
देश में कमजोर कारोबारी माहौल के लिए केंद्र की खिंचाई की बंगाल बिजनेस कांक्लेव के दौरान मुख्यमंत्री ने एक बार फिर देश में कमजोर कारोबारी माहौल के लिए केंद्र सरकार की खिंचाई की.
उन्होंने कहा कि देश की अर्थ-व्यवस्था की हालत खस्ता है. अब कोई यहां निवेश नहीं करना चाहता. सभी उद्योगपतियों में डर का माहौल है. आप व्यवसाय कैसे चलायेंगे. आपको इतने सारे टैक्स देने होंगे – इनकम टैक्स, कस्टम टैक्स, सीबीआई टैक्स. हालांकि, उन्होंने तुरंत ही अपने बयान को ठीक करते हुए कहा कि माफ करना, सीबीआइ एक एजेंसी है.