आठ जनवरी को किसानों का ग्रामीण भारत बंद
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के नेता भी बंद का समर्थन करेंगे कोलकाता : अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की दिल्ली में हुई दो दिवसीय बैठक में तय हुआ कि आठ जनवरी को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के लोग विभिन्न मांगों के समर्थन में भारत बंद करेंगे. उसी दिन पूरे देश में किसानों की मांगों के समर्थन […]
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के नेता भी बंद का समर्थन करेंगे
कोलकाता : अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की दिल्ली में हुई दो दिवसीय बैठक में तय हुआ कि आठ जनवरी को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के लोग विभिन्न मांगों के समर्थन में भारत बंद करेंगे. उसी दिन पूरे देश में किसानों की मांगों के समर्थन में ग्रामीण भारत बंद का एलान किया गया है. इस बंद में किसानों के कुल 19 संगठन के लोग शामिल होंगे.
इसे लेकर कोलकाता में फारवर्ड ब्लाक के दफ्तर में विभिन्न संस्थाओं के नेताओं की बैठक हुई. बैठक में तय हुआ कि पश्चिम बंगाल शाखा के महासचिव के रुप में कार्तिक पाल और संयोजक के रुप में नृपेन चक्रवर्ती समन्वय समिति का नेतृत्व करेंगे.
बंद का मुख्य मुद्दा होगा किसानों के हित में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करते हुए किसानों को लागत के डेढ़ गुणा रकम देनी होगी. इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर किसानों का हर तरह का ऋण माफ करने, खेतीहर मजदूरों को साल में दो सौ दिन रोजगार देने व न्यूनतम छह सौ रुपये की मंजूरी निर्धारित करने की जरूरत है.
इसके अलावा आदिवासियों के जमीन व पानी जैसे अधिकारों को सुनिश्चित करने तथा प्रत्येक किसान परिवार को दस हजार रुपये मासिक पेंशन देनी होगी. उन्होंने बताया कि पूरे देश में कुल तीन सौ संगठन इस समिति में शामिल हैं. पश्चिम बंगाल में नक्सल व वामपंथी संगठनों के साथ कुल 19 संगठन मिल कर काम कर रहे हैं. हालांकि इस समिति की बैठक में निमंत्रण के बावजूद एसयूसीआई (सी) का प्रतिनिधि शामिल नहीं हुए.
गुरुवार को हुई बैठक में तय हुआ है कि 15 से लेकर 31 दिसंबर तक बंद के समर्थन में प्रचार अभियान चलाया जायेगा. इसके बाद दो जनवरी से सभा व जुलूस के साथ ग्राम परिक्रमा की जायेगी. प्रचार में किसानों की मांगों के साथ एनआरसी, कैब व एनटीपीआर के खिलाफ लोगों को जागरूक किया जायेगा.