कोलकाता : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के टेंगरा थाना की पुलिस ने गलत रिपोर्ट देकर कोर्ट को गुमराह किया. जांच अधिकारी ने दो दिन पहले (16 दिसंबर, 2019) सियालदह के लोअर कोर्ट में माननीय जज शुभोजीत राय की अदालत में रिपोर्ट दी कि कुंदन कुमार यादव की सेहत ठीक है. लेकिन, इस दिन भी कुंदन कोलकाता मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के आइसीयू में वेंटिलेटर पर था. अगले ही दिन 17 दिसंबर, 2019 को कुंदन ने दम तोड़ दिया. इससे गुस्साये टेंगरा थाना क्षेत्र के लोग बुधवार को दोपहर बाद 3-4 बजे कुंदन के शव के साथ थाना के सामने प्रदर्शन करेंगे.
कुंदन के पिता कृष्णा कुमार यादव ने बताया कि इस मामले के जांच पदाधिकारी टीके विश्वास शुरू से आरोपियों को बचाने में लगे हैं. मेरा बेटा मेडिकल कॉलेज में वेंटिलेटर पर था और विश्वास बाबू ने कोर्ट में रिपोर्ट दी कि कुंदन यादव स्वस्थ है. हमारे वकील ने सियालदह कोर्ट में कुंदन की सेहत से जुड़े कुछ ऐसे साक्ष्य पेश किये, जिसे देखने के बाद आरोपियों रिकी राउत और विक्की खटिक की जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें 14 दिन की जेल हिरासत में भेज दिया गया. कृष्णा कुमार यादव ने बताया कि उनका बेटा 6 दिसंबर से ही वेंटिलेटर पर था.
उन्होंने कहा, ‘जांच पदाधिकारी तपन कुमार विश्वास लगातार हमारे संपर्क में थे. बराबर पूछते रहते थे कि कुंदन कैसा है. उसकी हालत कैसी है. अब भी आइसीयू में ही है या बाहर आ गया. हमने उन्हें पूरी स्थिति से अवगत करा दिया था. सब कुछ जानते हुए उन्होंने कोर्ट में गलत रिपोर्ट सौंपी. उल्टे यह बता दिया कि कुंदन की सेहत अब ठीक है. इसी आधार पर आरोपियों के वकील ने जमानत मांगी, लेकिन हमारे वकील ने कुंदन की सेहत से जुड़े कुछ तथ्य पेश किये, तो कोर्ट ने आरोपियों को जेल हिरासत में भेज दिया.’
कुंदन के पिता ने आरोप लगाया कि आइओ तपन कुमार विश्वास और टेंगरा के थाना प्रभारी मशरख अली आरोपियों से मिले हुए हैं और इस केस को पूरी तरह कमजोर करने में जुटे हुए हैं. उन्होंने बताया कि जांच अधिकारी श्री विश्वास से जब उनके एक परिचित ने बात की कि सब कुछ जानते हुए उन्होंने कोर्ट में गलत रिपोर्ट क्यों सौंपी, तो आइओ ने साफ कहा कि जो उन्हें कहना था, उन्होंने रिपोर्ट में लिख दिया. अब तुम लोगों को जिसके पास जाना है जाओ, जिससे शिकायत करनी है, करो.
प्रभातखबर.कॉम (prabhatkhabar.com) ने जब आइओ श्री विश्वास से इस संबंध में बात की, तो उन्होंने कहा, ‘मेरे बड़ा बाबू (थाना प्रभारी) से बात कीजिए. उन्होंने मुझे इस संबंध में कुछ भी बोलने से मना किया है. उन्होंने मुझे निर्देश दिया है कि इस बारे में कोई भी बयान देने का हक मुझे नहीं है. इसलिए आप बड़ा बाबू से ही बात करें.’ यह पूछने पर कि मामले के जांच पदाधिकारी आप हैं, उन्होंने कहा, ‘मैं कुछ भी नहीं बोलूंगा. जो भी कहना है बड़ा बाबू ही कहेंगे.’ हमने उनसे थाना प्रभारी का नंबर मांगा, तो उन्होंने नंबर देने से इन्कार कर दिया.
थाना प्रभारी मशरख अली से संपर्क करने के लिए हमने टेंगरा थाना की वेबसाइट पर मौजूद नंबर 033 2329 7565 पर फोन किया, लेकिन किसी ने फोन रिसीव नहीं किया. उल्लेखनीय है कि 7 अक्टूबर, 2019 की रात को कमलडांगा रोड निवासी रिकी हेला (30), टेंगरा रोड निवासी विक्की खटिक (25) और टेंगरा रोड के ही रोहित साव (22) ने टेंगरा रेल मार्ट (पटारी रेल पुल के पास) पकड़कर बुरी तरह पीटा था. कुंदन को लहूलुहान करने के बाद रात 11 बजे तीनों अपराधी उसे वहीं छोड़कर भाग गये थे.
स्थानीय लोगों ने कुंदन कुमार यादव (19) की जेब में पड़े फोन से उसके परिजनों को फोन किया. कुंदन के पिता कृष्णा कुमार यादव टेंगरा रेल मार्ट के पास पहुंचे. अपने बेटे को पास के अस्पताल ले गये. कुंदन की हालत देखकर अस्पताल ने उसे भर्ती करने से मना कर दिया. बड़े डॉक्टर के पास ले जाने की सलाह दी. कृष्णा यादव अपने बेटे को लेकर सियालदह स्थित एनआरएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल पहुंचे.
डॉक्टरों ने बताया कि तत्काल ऑपरेशन करना होगा. ऑपरेशन के दौरान खून रुकने का नाम नहीं ले रहा था. अल्ट्रासाउंड कराया गया, तो पता चला कि उसकी किडनी की नली फट गयी है. एनआरएस के सीनियर डॉक्टरों की देखरेख में कुंदन का इलाज चल रहा था. बाद में उसे एक प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती किया गया और फिर एक सीनियर डॉक्टर की सलाह पर उसे कोलकाता मेडिकल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. 6 दिसंबर से उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था और 17 दिसंबर को उसने दम तोड़ दिया.
कुंदन के भाई चंदन ने बताया कि इस मामले में चार गवाह हैं. अब तक किसी की गवाही दर्ज नहीं हुई है. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज को भी पूरी तरह दरकिनार कर दिया था. 13 अक्टूबर को करीब 500 लोगों ने थाना का घेराव किया, तब जाकर पुलिस ने इसका संज्ञान लिया. अभी भी स्पष्ट नहीं है कि सीसीटीवी फुटेज को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है या नहीं. कुंदन ने पुलिस को बयान दिया था कि उस पर लोहे के रॉड से हमला किया गया, लेकिन पुलिस की रिपोर्ट में इसका भी जिक्र नहीं है. थाना प्रभारी मशरख अली और जांच अधिकारी तपन कुमार विश्वास अपराधियों को बचाने में जुटे हैं.