ममता का जनमत संग्रह संबंधी बयान संसद का अपमान है : स्मृति ईरानी

कोलकाता : केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराने की मांग संबंधी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान की शुक्रवार को निंदा की और कहा कि उनका यह बयान संसद का अपमान है. महानगर में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2019 2:34 AM

कोलकाता : केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराने की मांग संबंधी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान की शुक्रवार को निंदा की और कहा कि उनका यह बयान संसद का अपमान है.

महानगर में आयोजित समारोह में भाग लेने यहां आयीं केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने सीएए को लेकर मुख्यमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री की टिप्पणी भारतीय संसद का अपमान है. यह विधेयक संसद में पारित हुआ है.” ईरानी ने कहा,‘‘मुख्यमंत्री का बयान देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला है और देश में कोई भी उनके विचारों से सहमत नहीं होगा.’

मुख्यमंत्री ने गुरुवार को केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह सीएए और प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी एनआरसी के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराएं और यदि वह ‘‘व्यापक मत” हासिल करने में विफल रहते हैं तो उन्हें सत्ता छोड़नी होगी. मुख्यमंत्री के बयान पर भाजपा नेतृत्व ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो को सलाह दी है कि वह स्वयं को ‘‘हंसी का पात्र नहीं” बनायें. केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा था, ‘‘क्या उन्हें पता है वह क्या कह रही हैं?
उन्हें खुद को हंसी का पात्र नहीं बनाना चाहिए. मुझे लगता है कि उनके सलाहकारों ने उन्हें अच्छी सलाह देना बंद कर दिया है.” ममता एनआरसी और संशोधित नागरिकता कानून का कड़ाई से विरोध कर रही हैं. सुश्री बनर्जी ने तीन विरोध मार्च कर चुकी हैं और वह अल्पसंख्यक बहुल पार्क सर्कस में एक अन्य सभा को शुक्रवार को संबोधित करेंगी.

Next Article

Exit mobile version