कोलकाता : भाजपा ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर ममता बनर्जी के बयान पर करारा हमला बोला है. इसके साथ ही स्पष्ट कर दिया है कि नागरिकता कानून बनने से बंगाल के लगभग एक करोड़ शरणार्थियों को लाभ मिलेगा, लेकिन ममता बनर्जी अपनी कुर्सी बचाने के लिए इस कानून का विरोध कर रही हैं.
भाजपा के महासचिव व प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि : जितना ममता जी आंदोलन कर रही है. इससे साफ है कि उन्हें देश की चिंता नहीं हैं. उन्हें कुर्सी की चिंता है और इसे बंगाल का हर भद्र व्यक्ति समझ रहा है. ममता जी सीएए का विरोध क्यों कर रही हैं. इसका कारण साफ है पश्चिम बंगाल में शरणार्थियों की संख्या लगभग एक करोड़ है और एक करोड़ लोगों को नागरिकता मिल जायेगी तो ममता जी का वोट बैंक खिसक जायेगा और उनकी कुर्सी चली जायेगी.
उन्होंने कहा कि इसलिए ममता राष्ट्रहित के कानून का विरोध कर रही है. उनके लिए राष्ट्रहित महत्वपूर्ण नहीं है, कुर्सी का हित महत्वपूर्ण है. कुर्सी के हित के कारण ही उन्होंने ऐसा बयान दिया, जो पाकिस्तान देता है. पाकिस्तान भी भारत के आतंरिक ममले को यूएनओ में ले जाना चाहता है. ममता जी ने भी उसी प्रकार की बात की है, जो बहुत ही निंदनीय है. इस पर माकपा, कांग्रेस की चुप्पी मेरे लिए आश्चर्य का विषय है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लगातार आंदोलन की घोषणा पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए इस तरह से लगातार आंदोलन नहीं किये जा सकते हैं. जिस प्रकार का वह आंदोलन कर रही हैं. कोई भी मुख्यमंत्री ऐसा आंदोलन नहीं करता है. ऐसा लगता है कि जनता उन्हें सड़क पर लाए. उसके पहले ममता जी खुद ही सड़क ही उतर गयी हैं. सड़क पर ही रहेंगी और कुर्सी पर नहीं बैठेंगी.
उन्होंने कहा कि 23 दिसंबर को भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा कोलकाता में महारैली करेंगे. मोदी जी और अमित शाह के प्रति धन्यवाद बंगाल की जनता देना चाहती है. पहली रैली कोलकाता में होगी. प्रधानमत्री और अमित शाह से कहेंगे कि वे आयेंगे. बंगाल को बचाने के लिए सीएए का कानून बहूत महत्वूपर्ण अदा करेगा. सीएए लागू होगा, तो श्यामप्रसाद मुखर्जी का बंगाल बचेगा नहीं, तो जिन्ना का बंगाल बन जायेगा.