दो दिवसीय मेडिकॉन इंटरनेशनल 2019 का आयोजन

कोलकाता : पीयरलेस अस्पताल और बीके रॉय फाउंडेशन, कोलकाता के साथ मिलकर रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन, एडिनबर्ग और पश्चिम बंगाल चैप्टर ऑफ एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया की ओर से दो दिवसीय मेडिकॉन इंटरनेशनल 2019 का आयोजन किया गया. सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य चिकित्सा क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक के बारे में यहां के चिकित्सकों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2019 12:50 AM

कोलकाता : पीयरलेस अस्पताल और बीके रॉय फाउंडेशन, कोलकाता के साथ मिलकर रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन, एडिनबर्ग और पश्चिम बंगाल चैप्टर ऑफ एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया की ओर से दो दिवसीय मेडिकॉन इंटरनेशनल 2019 का आयोजन किया गया. सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य चिकित्सा क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक के बारे में यहां के चिकित्सकों को जानकारी देना है.

इस अवसर पर मेडिकॉन इंटरनेशनल 2019 के आयोजित समिति के प्रमुख डॉ सुजीत कर पुरकायस्थ ने बताया कि चिकित्सा के क्षेत्र में पश्चिमी देशों में कई नयी तकनीकें आयी हैं, जिसके बारे में राज्य के चिकित्सकों को अवगत कराने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया.
इस अवसर पर देश-विदेश से 400 से भी अधिक चिकित्सकों ने हिस्सा लिया. इस बार सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियंस, एडिनबर्ग के अध्यक्ष प्रोफेसर डेरेक बेल भी यहां पहुंचे.
इस अवसर पर विशेषज्ञों ने अपने विचार रखते हुए कहा कि बीमारी के इलाज में प्रौद्योगिकी सहायता कर सकती है, लेकिन उचित निदान के लिए मानव स्पर्श अभी भी प्रासंगिक है. इस मौके पर प्रसिद्ध नेफ्रोलॉजिस्ट डाॅ सौभिक सुराल ने कहा कि सिर्फ लक्षणों के आधार पर, आप एक निदान पर नहीं पहुंच सकते हैं, डॉक्टर को मरीजों से सवाल पूछने और उन्हें बातचीत के माध्यम से समय देने की जरूरत है.
क्योंकि एक कंप्यूटर आपको यह नहीं बतायेगा कि रोगी क्या करता है. इस अवसर पर वैश्विक विशेषज्ञ प्रो अरुणालोक चक्रवर्ती ने आईसीयू में चुनौतीपूर्ण फंगल संक्रमण के प्रबंधन के बारे में जानकारियां दी. वहीं, डायबिटीज और मेटाबोलिक रोगों के विशेषज्ञ प्रो डेविड कोलियर ने अधिक वजन वाले मधुमेह रोगियों की बढ़ती आबादी में बेरियाट्रिक सर्जरी की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया.

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