सीएए को लेकर राज्य में स्थिति शांतिपूर्ण, अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस ने की सुरक्षा कड़ी

कोलकाता : संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध को लेकर पश्चिम बंगाल में किसी तरह की हिंसा की कोई खबर नहीं है और स्थिति अभी तक शांतिपूर्ण बनी हुई है. सूत्रों के अनुसार पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए राज्य में कई हिस्सों में सुरक्षा कड़ी कर दी है. संशोधित नागरिकता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2019 2:20 AM
कोलकाता : संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध को लेकर पश्चिम बंगाल में किसी तरह की हिंसा की कोई खबर नहीं है और स्थिति अभी तक शांतिपूर्ण बनी हुई है. सूत्रों के अनुसार पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए राज्य में कई हिस्सों में सुरक्षा कड़ी कर दी है. संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ राज्य में 13 से 17 दिसंबर के बीच प्रदर्शनों में कई जगह आगजनी और हिंसा की घटनाएं हुईं.
वरिष्ठ आइपीएस अिधकािरयों ने की शांति बनाये रखने की अपील :
कोलकाता पुलिस के वरिष्ठ आइपीएस अधिकारियों ने शुक्रवार को समुदाय के नेताओं से मिलकर उनसे शांति बनाये रखने की अपील की थी. पश्चिम बंगाल की भाजपा इकाई संशोधित नागरिकता कानून 2019 के समर्थन में राज्य के कई हिस्सों में आज रैलियां निकालीं.
वहीं माकपा-एसएफआइ की छात्र शाखा कानून के खिलाफ भाजपा कार्यालय तक मार्च निकाली. राज्य में जारी प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में कथित संलिप्तता के मामले में अभी तक 600 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
सीएए से बंगाल के एक करोड़ शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता : विजयवर्गीय
कोलकाता. भाजपा ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर ममता बनर्जी के बयान पर करारा हमला बोला है. इसके साथ ही स्पष्ट कर दिया है कि नागरिकता कानून बनने से बंगाल के लगभग एक करोड़ शरणार्थियों को लाभ मिलेगा, लेकिन ममता बनर्जी अपनी कुर्सी बचाने के लिए इस कानून का विरोध कर रही हैं.
भाजपा के महासचिव व प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा : जितना ममता जी आंदोलन कर रही हैं. इससे साफ है कि उन्हें देश की चिंता नहीं है. उन्हें कुर्सी की चिंता है और इसे बंगाल का हर भद्र व्यक्ति समझ रहा है.
ममता जी सीएए का विरोध क्यों कर रही हैं. इसका कारण साफ है पश्चिम बंगाल में शरणार्थियों की संख्या लगभग एक करोड़ है और एक करोड़ लोगों को नागरिकता मिल जायेगी तो ममता जी का वोट बैंक खिसक जायेगा और उनकी कुर्सी चली जायेगी. इसलिए वह राष्ट्रहित के कानून का विरोध कर रही हैं. उनके लिए राष्ट्रहित महत्वपूर्ण नहीं है, कुर्सी का हित महत्वपूर्ण है.
कुर्सी के हित के कारण ही उन्होंनेे ऐसा बयान दिया, जो पाकिस्तान देता है. पाकिस्तान भी भारत के आंतरिक मामले को यूएनओ में ले जाना चाहता है. ममता जी ने भी उसी प्रकार की बात की है, जो बहुत ही निंदनीय है. इस पर माकपा, कांग्रेस की चुप्पी मेरे लिए आश्चर्य का विषय है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लगातार आंदोलन की घोषणा पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए इस तरह से लगातार आंदोलन नहीं किये जा सकते हैं. जिस प्रकार का वह आंदोलन कर रही हैं. कोई भी मुख्यमंत्री ऐसा आंदोलन नहीं करता है. ऐसा लगता है कि जनता उन्हें सड़क पर लाये. उसके पहले ममता जी खुद ही सड़क ही उतर गयी हैं. सड़क पर ही रहेंगी और कुर्सी पर नहीं बैठेंगी.
उन्होंने कहा कि 23 दिसंबर को भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा कोलकाता में महारैली करेंगे. मोदी जी और अमित शाह के प्रति धन्यवाद बंगाल की जनता देना चाहती है. पहली रैली कोलकाता में होगी. प्रधानमत्री और अमित शाह जी से कहेंगे कि वे यहां आयें. बंगाल को बचाने के लिए सीएए बहुत बड़ा योगदान देगा. यहां सीएए लागू होगा, तो श्यामप्रसाद मुखर्जी का बंगाल बचेगा नहीं, तो जिन्ना का बंगाल बन जायेगा.
हुर्रियत और पाकिस्तान की भाषा बोल रही हैं ममता : दिलीप
कोलकाता. मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी द्वारा संशोधित नागरिकता कानून पर संयुक्त राष्ट्र संघ की अगुवाई में जनमत संग्रह कराये जाने की मांग पर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष व सांसद दिलीप घोष ने हमला बोला है. श्री घोष ने कहा कि : ममता जी यूएनओ नेतृत्व नागरिकता कानून पर में जनमत संग्रह कराने की बात कही है.
वह खुद एक मुख्यमंत्री हैं और उन्होंने भारतीय संविधान की शपथ ली है. भारतीय संविधान के तहत हुए चुनाव में आम लोगों ने उन्हें निर्वाचित किया है, ताकि वह संविधान के अनुसार ही काम करें और भारत की अखंडता को बरकरार रखें, लेकिन वह कश्मीर के उग्रवादी संगठन हुर्रियत की भाषा बोल रही हैं. उग्रवादियों की भाषा बोल रही हैं. पाकिस्तान के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जिस तरह की भाषा बोलते हैं, वह उस तरह की भाषा बोल रही हैं.
यह भारत के खिलाफ देशद्रोह हैं. देश की जनता भारत की अखंडता और सार्वभौमिकता पर चोट बर्दाश्त नहीं करेगी. वह भारत के प्रधानमंत्री होने का सपना देख रही थी, लेकिन उन्होंने अपने बयान से सीमा लांघ ली है. इसे बंगाल की जनता कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगी और चुनाव में इसका जवाब देगी.
छात्रों पर पुलिस की बर्बरता का समर्थन नहीं : पार्थ
कोलकाता. अपने संसदीय क्षेत्र नाकतला में दीदी को बोलो कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि एनआरसी व सीएए को किसी भी कीमत पर इस देश की जनता लागू नहीं होने देगी. शक्ति के सहारे केंद्र सरकार इसे लागू करना चाहती है.
इसका विरोध कर रहे युवाओं व छात्रों के साथ जिस तरह से पुलिस बर्बरता कर रही है, उसको कोई भी सभ्य आदमी समर्थन नहीं कर सकता है. नैतिक रूप से तृणमूल कांग्रेस इसका विरोध करती है और करती रहेगी, क्योंकि एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में स्थापित हिंदुस्तान की अस्मिता से किसी को खेलने नहीं दिया जायेगा.

Next Article

Exit mobile version