पश्चिम बंगाल में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से सीधे बात नहीं कर पायेंगे कुलाधिपति, राज्यपाल ने जतायी नाराजगी
कोलकाता : कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय के अपना दीक्षांत समारोह रद्द करने को लेकर निराशा जाहिर करने के एक दिन बाद कुलाधिपति और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि विधानसभा द्वारा पारित नये कानून ने विश्वविद्यालय के साथ उनके संवाद को प्रतिबंधित कर दिया है. धनखड़ ने ट्विटर पर कहा, […]
कोलकाता : कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय के अपना दीक्षांत समारोह रद्द करने को लेकर निराशा जाहिर करने के एक दिन बाद कुलाधिपति और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि विधानसभा द्वारा पारित नये कानून ने विश्वविद्यालय के साथ उनके संवाद को प्रतिबंधित कर दिया है.
https://twitter.com/jdhankhar1/status/1208566589479505920?ref_src=twsrc%5Etfw
धनखड़ ने ट्विटर पर कहा, ‘कानून से कुलाधिपति की स्वतंत्र, निडर पहुंच’ पर रोक लगी है. राज्यपाल ने विधेयक को ‘असंवैधानिक’ बताते हुए कहा कि हर किसी को स्थिति को ध्यान में रखना चाहिए. विधानसभा ने विधेयक को 10 दिसंबर को मंजूरी दी थी.
उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘नये कानून के तहत कुलपतियों के कुलाधिपति के साथ सभी संवाद विभाग के सचिव के माध्यम से होंगे. कुलाधिपति की स्वतंत्र एवं भयमुक्त पहुंच से समझौता किया गया है.’
https://twitter.com/jdhankhar1/status/1208560721186832384?ref_src=twsrc%5Etfw
नये नियम के तहत कुलाधिपति द्वारा राज्य-सहायता प्राप्त किसी भी विश्वविद्यालय से किया जाने वाला संवाद (उच्च शिक्षा) विभाग के माध्यम से होगा. इस नियम के जरिये कुलपति उच्च शिक्षा विभाग के साथ विचार-विमर्श करके निर्णय लेने से जुड़े अपने सर्वोच्च निकायों की बैठकें बुला सकेंगे.
जादवपुर विश्वविद्यालय का विशेष दीक्षांत समारोह रद्द होने के बारे में आधिकारिक रूप से सूचित किये जाने के बाद धनखड़ ने शनिवार को कहा था, ‘व्यवस्थित रूप से, वे (राज्य सरकार) कुलाधिपति पर अंकुश लगाने की कोशिश कर रहे हैं.’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने दावा किया कि शैक्षणिक संस्थानों में कार्यक्रमों के रद्द होने के पीछे प्रशासन द्वारा समर्थित गैर सरकारी तत्व जिम्मेदार हैं.