ऋत्विक घटक की फिल्मों के जरिये भाजपा समझायेगी शरणार्थियों का दर्द

कोलकाता : नागरिकता कानून का मुद्दा इस वक्त पूरे देश में छाया हुआ है. काफी लोग इसके समर्थन में हैं, तो कुछ इसके विरोध में भी हैं. पिछले कुछ दिनों से इसको लेकर देश के विभिन्न शहरों में प्रदर्शन भी हुए. भारतीय जनता पार्टी अब इस कानून को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2019 2:27 AM

कोलकाता : नागरिकता कानून का मुद्दा इस वक्त पूरे देश में छाया हुआ है. काफी लोग इसके समर्थन में हैं, तो कुछ इसके विरोध में भी हैं. पिछले कुछ दिनों से इसको लेकर देश के विभिन्न शहरों में प्रदर्शन भी हुए. भारतीय जनता पार्टी अब इस कानून को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए लीजेंडरी फिल्ममेकर ऋत्विक घटक की फिल्मों का सहारा लेगी. साठ के दशक में ऋत्वक घटक, सत्यजीत रे और मृणाल सेन ने भारतीय सिनेमा में एक नयी धारा शुरू की थी.

ऋत्विक घटक ने अपनी फिल्मों के जरिये 1947 में बंटवारे के बाद उन लोगों की दशा और दर्द को पर्दे पर उजागर किया था, जिन्हें विस्थापित होना पड़ा था. बंटवारे को लेकर घटक ने मेघे ढाका तारा, सुबर्णरेखा और कोमल गांधार नामों से तीन फिल्मों की ट्रिलॉजी बनायी थी.

इन फिल्मों के जरिये उन्होंने शरणार्थियों के दर्द को उकेरा था, जो बंटवारे के बाद पश्चिम बंगाल आये थे. भाजपा के वरिष्ठ नेता के अनुसार भाजपा की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा ने शरणार्थियों की व्यथा और नागरिकता संशोधन कानून को समझाने के लिए छह मिनट की वीडियो क्लिप का निर्माण किया है, जिसमें घटक की फिल्मों के दृश्य दिखाये गये हैं.

रिपोर्ट में भाजपा नेता व विधायक शमिक भट्टाचार्य के हवाले से बताया गया है कि वीडियो घटक से पहले के वक्त से शुरू होकर मौजूदा समय में आता है. इसमें 1946 की ग्रेट कोलकाता किलिंग्स को भी शामिल किया गया है.

Next Article

Exit mobile version