सीएए पर अशांति पैदा करनेवालों को जनता देगी जवाब : दिलीप
कोलकाता : प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर अप्रचार करने का आरोप लगाते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं से अपील की कि वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का असली चेहरा लोगों के सामने लायें. उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में भाजपा के शासन है, वहां असामाजिक तत्वों […]
कोलकाता : प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर अप्रचार करने का आरोप लगाते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं से अपील की कि वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का असली चेहरा लोगों के सामने लायें. उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में भाजपा के शासन है, वहां असामाजिक तत्वों से अशांति करवायी जा रही है, लेकिन इसका परिणाम भी ऐसे लोगों को भुगतना पड़ेगा. जनता इसका जवाब देगी.
श्री घोष सोमवार को आइसीसीआर में सीएए को लेकर प्रदेश भाजपा की विशेष बैठक के संबोधित करते हुए बातें कहीं. इस बैठक में भाजपा के महासचिव व प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय, सह प्रभारी अरविंद मेनन, केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, प्रदेश भाजपा संगठन महामंत्री सुब्रत चटर्जी सहित अन्य उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस व ममता बनर्जी सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध कर रही हैं, लेकिन जब सीएए को लेकर संसद में मतदान हुआ. उस समय तृणमूल कांग्रेस के आठ सांसद कहां थे ? क्यों वे विधेयक पास होने के समय संसद में नहीं थे ?
उन्होंने सवाल किया कि 2005 में सुश्री बनर्जी ने शरणार्थियों की समस्या को लोकसभा में उठाते हुए पीठाशीन अधिकारी पर पेपर फाड़ कर फेंका था, लेकिन आज उल्टी बातें कर रही हैं. उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे ममता बनर्जी का असली चेहरा लोगों के सामने लायें. सुश्री बनर्जी लोगों में भेद पैदा कर रही हैं. पहले उनके लिए अटल जी अच्छे थे और आडवाणी जी खराब थे. बाद में आडवाणी से अच्छे हो गये और मोदी खराब हो गये. अभी मोदी अच्छे हैं और अमित शाह खराब हो गये.
बारूईपुर में दिलीप घोष को दिखाया काला झंडा : दिलीप घोष ने सोमवार को बारूईपुर में सीएए के समर्थन में जन समूूह को संबोधित करते हुए कहा कि मेरठ में सीएए व एनआरसी के विरुद्ध अभियान में मारे गये बजबज के शेख शिराजुल के शव को लेकर डायमंड हार्बर के सांसद अभिषेक बनर्जी राजनीति करने का प्रयास करेंगे. इस दौरान उन्हें तृणमूल के समर्थकों ने काला झंडा दिखाया और उनके कार्यक्रम का विरोध किया. इसके बावजूद उन्होंने कार्यक्रम का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया.