ताकत नहीं, जनसंपर्क बढ़ाने पर जोर देने की जरूरत

कोलकाता : अपने हित से ज्यादा पार्टी के हित को प्रमुखता देना जरूरी है. इस वर्ष होने वाले कोलकाता नगर निगम चुनाव को आसान नहीं समझा जा सकता है. ताकत के सहारे नहीं, बल्कि जनसंपर्क बढ़ा कर चुनाव जीतने की बात सोचनी होगी. जनसमर्थन से ही चुनाव जीता जा सकता है. चुनाव भले ही अगले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 4, 2020 2:18 AM

कोलकाता : अपने हित से ज्यादा पार्टी के हित को प्रमुखता देना जरूरी है. इस वर्ष होने वाले कोलकाता नगर निगम चुनाव को आसान नहीं समझा जा सकता है. ताकत के सहारे नहीं, बल्कि जनसंपर्क बढ़ा कर चुनाव जीतने की बात सोचनी होगी. जनसमर्थन से ही चुनाव जीता जा सकता है. चुनाव भले ही अगले महीने नहीं हो, लेकिन यह सोच कर तैयारी शुरू कर देनी होगी कि चुनाव फरवरी में ही होगा. इसके लिए ब्लॉक स्तर पर राज्य सरकार की विकासमूलक योजनाओं के बारे में बताना होगा.

एक भी व्यक्ति बुनियादी सुविधाओं से वंचित न हो, जिसके लिए बेहतर कार्य जरूरी है. यह परामर्श कथित तौर पर राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (राज्य में पीके नाम से मशहूर) ने तृणमूल पार्षदों को दिया है. शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस भवन में श्री किशोर व सांसद अभिषेक बनर्जी ने कोलकाता के पार्षदों के साथ बैठक की. बैठक में तृणमूल के विधायक व सांसद भी शामिल हुए थे.

बैठक में लोगों की शिकायतें और उनके सुझाव सुनने के लिए जारी अभियान ‘दीदी के बोलो’ (दीदी को बोलो) की समीक्षा भी की गयी. इसी वर्ष राज्य में होने वाले निकाय चुनाव को तृणमूल कांग्रेस आसान नहीं मान रही है. यही वजह है कि साल के शुरुआत में ही तृणमूल कांग्रेस ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. कोलकाता में पार्षदों, विधायकों और सांसदों के साथ श्री किशोर व श्री बनर्जी की हुई बैठक भी उसी का हिस्सा है.

गत वर्ष हुए लोकसभा चुुनाव में राज्य में भाजपा के 18 लोकसभा सीटें जीतने के बाद तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं का मनोबल नीचे गिरा. ऐसे में भाजपा के बढ़ते वर्चस्व को कम करने के उद्देश्य से तृणमूल कांग्रेस ने राजनीतिक रणनीतिकार श्री किशोर से संपर्क साधा.

लोकसभा चुनाव में भाजपा के हाथों लगे झटके को देखते हुए ही ‘दीदी के बोलो’ अभियान शुरू किया गया. हाल ही में खड़गपुर सदर, कलियागंज और करीमपुर विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल कर भाजपा को अपनी ताकत का अहसास कराया. इसका श्रेय श्री किशोर को ही मिला.

Next Article

Exit mobile version