माओवादी फिर सक्रिय
।। जीतेश बोरकर ।। खड़गपुर : शीर्ष माओवादी नेता किशनजी की मौत के बाद जंगलमहल क्षेत्र में माओवादी बैकफुट पर चले गये थे, लेकिन राज्य में पंचायत चुनाव की घोषणा होते ही माओवादी फिर से जंगलमहल क्षेत्र में सक्रिय हो रहे हैं. यह दावा खुफिया विभाग ने किया है. खुफिया विभाग के अनुसार, 14 से […]
।। जीतेश बोरकर ।।
खड़गपुर : शीर्ष माओवादी नेता किशनजी की मौत के बाद जंगलमहल क्षेत्र में माओवादी बैकफुट पर चले गये थे, लेकिन राज्य में पंचायत चुनाव की घोषणा होते ही माओवादी फिर से जंगलमहल क्षेत्र में सक्रिय हो रहे हैं. यह दावा खुफिया विभाग ने किया है.
खुफिया विभाग के अनुसार, 14 से 15 माओवादी स्क्वाड जंगलमहल के बेलपहाड़ी, सिमूलपाल, बिनपुर, मालावती, जामबनी, गिधनी सहित कई इलाकों में घूम रहा है. माओवादी स्क्वाड के सदस्य गांवों में ग्रामीणों के साथ बैठक कर रहे हैं.
हालांकि ये लोग फिलहाल अपना अड्डा (घाटी) जमाने में असमर्थ दिख रहे हैं. खुफिया सूत्रों का कहना है कि माओवादी जंगल के रास्ते झारखंड से बंगाल की सीमा में प्रवेश करते हैं और बैठक के बाद लौट जाते हैं. गौरतलब है कि इस समय माओवादियों के निशाने पर तृणमूल कांग्रेस के कई नेता हैं. पुलिस ने भी स्थानीय नेताओं को सतर्क रहने को कहा है. साथ ही जंगलमहल क्षेत्र में चुनाव प्रचार शाम ढलने से पहले करने को कहा गया है.
उधर, पुलिस-प्रशासन का मानना है कि छत्तीसगढ में पुलिस कार्रवाई जोरो पर है. माओवादी वहां से पलायन कर बंगाल के जंगलमहल के इलाकों में आश्रय ले सकते हैं. इसलिए फिलहाल बंगाल से सटे सीमा पर व जंगलों में विशेष निगरानी रखी जा रही है.