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मांगलिक दोष, बृहस्पति व शुक्र ग्रह की खराब स्थिति विवाह में विलंब के कारण

कोलकाता : विवाह में आने वाली परेशानियों की ज्योतिष शास्त्र में कई वजह बतायी जाती हैं. इनमें मांगलिक दोष, बृहस्पति और शुक्र ग्रह की खराब स्थिति आदि वजह प्रमुख हैं. यदि किसी भी युवक और कन्या की कुंडली में ऐसे दोष हैं तो विवाह में देरी या शादी के बाद परेशानी उत्पन्न होने की संभावना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2020 6:58 AM

कोलकाता : विवाह में आने वाली परेशानियों की ज्योतिष शास्त्र में कई वजह बतायी जाती हैं. इनमें मांगलिक दोष, बृहस्पति और शुक्र ग्रह की खराब स्थिति आदि वजह प्रमुख हैं. यदि किसी भी युवक और कन्या की कुंडली में ऐसे दोष हैं तो विवाह में देरी या शादी के बाद परेशानी उत्पन्न होने की संभावना बनी रहती है. हिंदू धर्म और ज्योतिष विद्या में शीघ्र विवाह के सरल उपाय मौजूद हैं.

ज्योतिषाचार्य सुशील पुरोहित ने रविवार को प्रभात खबर के ज्योतिषीय सलाह में फोन पर पाठकों के सवालों के जवाब में बताया कि व्रत, तंत्र-मंत्र, टोटके जैसे तमाम ज्योतिष और धार्मिक उपायों से विवाह में आ रही मुश्किलों को दूर किया जा सकता है.
विवाह में बाधा आने के कारण : अक्सर जातकों की कुंडली में ऐसे योग भी होते हैं, जिससे उनकी शादी में बाधाएं आती हैं और लाख कोशिश करने के बावजूद वे शादी की खुशी से वंचित रह जाते हैं. इसलिए जिस प्रकार एक चिकित्सक के लिए किसी रोगी को ठीक करने से पहले उसके मर्ज को पहचानना आवश्यक है, उसी प्रकार विवाह में हो रही देरी अथवा शादी न होने का कारण भी जानना उतना ही जरूरी है.
मांगलिक दोष : मांगलिक दोष का समाधान होना आवश्यक होता है. यदि किसी जातक की कुंडली में मांगलिक दोष हो तो उसकी शादी में बाधा आयेगी. इसके अलावा इस दोष साथ यदि जातक का विवाह हो चुका है तो शादी में कलह की स्थिति बनी रहेगी, इसलिए एक मांगलिक की शादी एक मांगलिक जातक से ही होनी चाहिए. इससे मांगलिक दोष का प्रभाव कम होता है.
सप्तमेश का बलहीन होना : यदि जातक के सप्तम भाव का स्वामी दुष्ट ग्रहों से पीड़ित हो अथवा अपनी नीच राशि में स्थित हो तो वह बलहीन हो जाता है. इसके अलावा सप्तमेश 6, 8,12 भाव में स्थित होने पर कमजोर होता है और इसके प्रभाव से जातकों के विवाह में देरी होती है.
बृहस्पति ग्रह का बलहीन होना : यदि कुंडली में बृहस्पति ग्रह दुष्ट ग्रहों से पीड़ित हो, सूर्य के प्रभाव में आकर अस्त हो अथवा अपनी नीच राशि मकर में स्थित हो तो वह बलहीन हो जायेगा और इससे जातक को शादी-विवाह में दिक्कत का सामना करना पड़ेगा.
शुक्र का नीच होना: यदि जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर होता है तो उसके जीवन में कोई भी काम पूरा नहीं हो पाता है और इसलिए जातक को अपने विवाह में बाधाओं का सामना करना पड़ता
है.
नवांश कुंडली में दोष : जन्म कुंडली के नौवें अंश को नवांश कुंडली कहते हैं. इस कुंडली से जातक के जीवन साथी के बारे में सटीक अनुमान लगाया जा सकता है इसलिए यदि जातक की इस नवांश कुंडली में दोष हो तो जातक के विवाह में बाधाएं उत्पन्न होंगी.
सवाल : करियर कब से शुरू होगा? कन्हैया सिंह, चांदनी
जवाब : आपकी कुंडली में मिथुन लगन है. राशि मकर है. गुरु की महादशा है. फरवरी से आपका करियर शुरू होगा और कामकाज भी अच्छा हो जायेगा.
सवाल : नौकरी कब मिलेगी ? हीरालाल राय, कोलकाता.
जवाब : 20 जनवरी के बाद से जॉब के ऑफर मिलने लगेंगे.
सवाल : मेरे पुत्र को काम कब मिलेगा ? आरती सिंह, आगरपाड़ा.
जवाब : आपके पुत्र की केतु की महादशा है. गणेश जी का पूजन करें. उसकी कुंडली में कारोबार का योग है.
सवाल : जमीन खरीदना चाह रहे हैं. कब से खरीद पायेंगे? अंजू साव, कांकीनाड़ा
जवाब : 2022 में जमीन खरीद का योग आपकी कुंडली में है.
सवाल : जीवन में परिवर्तन कब से आयेगा ? मनतोष कुमार, बांसबेड़िया
जवाब : अपनी कुंडली से साढ़े साती 24 जनवरी के बाद निकलेगी. उसके बाद जीवन में परिवर्तन आयेगा. जॉब व करियर भी शुरू होंगे. 2021 से परिवार में सब कुछ अच्छा हो जायेगा.

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