कोलकाता : प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने दिल्ली में सीएए के खिलाफ विपक्ष की बैठक में तृणमूल सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शामिल नहीं होने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बंगाल खिसकने के डर से अब दिल्ली भी ममता बनर्जी नहीं जा रहीं हैं, क्योंकि उन्हें भय है कि लोकसभा चुनाव में दिल्ली तो नहीं जा सकीं और अब विधानसभा चुनाव में बंगाल की सत्ता भी ना खिसक जाए.
श्री घोष ने प्रभात खबर से बातचीत करते हुए कहा : ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव के पहले बहुत ड्रामा किया था. चौकीदार चोर है, मोदी हटाओ, देश बचाओ, का नारा दिया था, लेकिन उसका परिणाम क्या हुआ. यह सभी को मालूम है. चुनाव के दौरान जिन लोगों ने ज्यादा उछल-कूद की थी. उनकी हालत और भी खराब हुई.
उन्होंने कहा कि चंद्रबाबू नायडू आज कहां हैं? तीन चार माह के बाद उन्हें बोलना पड़ा था कि मोदी का विरोध करना बहुत बड़ी गलती थी. ममता बनर्जी समझ गयीं कि दिल्ली तो दूर है और अब बंगाल भी हाथ से जाने वाला है. इसलिए उन्होंने सोच लिया है कि अब पहले अपना घर संभालो. लोकसभा चुनाव में 42 से 22 हो गये हैं.
उन्होंने कहा कि सीएए के खिलाफ भी बंगाल में आंदोलन किया. वह भी उल्टा पड़ रहा है. लोग उनकी सभाओं में नहीं जा रहे हैं. हमारी रैली जिले-जिले में हो रही है. लोग उत्साह और जोश के साथ आ रहे हैं. वह (ममता बनर्जी) समझ गयी हैं कि दिल्ली तो हाथ से गया ही था. अब किसी तरह से बंगाल को बचाया जाए. इसीलिए पहले अपना घर संभालो. मैं कहता हूं कि आंदोलन करना आपका काम नहीं है. आप प्रशासन संभालें और लोगों के दु:ख दर्द दूर करें. जानमाल की सुरक्षा दें. महिलाओं को सुरक्षा दें. कानून व्यवस्था को ठीक करें. लगता है कि अब हमारी बातें उनको समझ में आने लगी है.