हावड़ा : सीएए व एनआरसी को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों से निबटने के तरीके पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष व केंद्रीय राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो आपस ने उलझ गये हैं. दरअसल, नदिया में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचानेवालों को गोली मारने का समर्थन करते हुए बयान दिया था. उनके इस बयान पर केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि यह दिलीप घोष का गैर-जिम्मेदाराना बयान है.
उन्होंने कहा कि यह दिलीप दा का निजी बयान है, लेकिन अगर निजी भी है तो ऐसा नहीं कहना चाहिए था. बाबुल ने उदाहरण देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी संपत्ति नुकसान पहुंचानेवालों के साथ सख्ती से पेश आते हुए कानूनी कार्रवाई की, लेकिन कहीं गोलीबारी की बात व घटना नहीं हुई. प्रदेश अध्यक्ष के इस बयान से सच्चाई से कोई संबंध नहीं है. सोमवार शाम शिवपुर में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने संवाददाता सम्मेलन में ये बातें कहीं.
मालूम रहे कि रविवार को नादिया में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा था कि दीदी की पुलिस उन लोगों पर कभी कार्रवाई नहीं करती हैं, जो सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं, क्योंकि वे उनके मतदाता हैं. हमारी सरकार उत्तर प्रदेश, असम और कर्नाटक में ऐसे लोगों को गोली मार कर कुत्तों की तरह हत्या कर देती है. उन्होंने कहा था कि ममता बनर्जी की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कोई एफआइआर नहीं दर्ज की. वहीं बाबुल सुप्रियो की टिप्पणी पर दिलीप ने कहा, मुझे जो कहना था, कह दिया, जिसको जो बोलना है, वह बोले.