विवादित बयान : बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के खिलाफ तृणमूल की शिकायत पर दो एफआइआर
कोलकाता: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों को लेकर विवादित बयान देने वाले राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के खिलाफ दो एफआइआर दर्ज कर ली गयी है. घोष ने एनआरसी और सीएए की मुखालफत करने वाले प्रदर्शनकारियों को कथित तौर पर कुत्ते की तरह गोली […]
कोलकाता: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों को लेकर विवादित बयान देने वाले राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के खिलाफ दो एफआइआर दर्ज कर ली गयी है. घोष ने एनआरसी और सीएए की मुखालफत करने वाले प्रदर्शनकारियों को कथित तौर पर कुत्ते की तरह गोली मारे जाने की बात कही थी. दूसरी ओर, भाजपा हाइकमान व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष का बचाव करने के साथ उनका समर्थन भी किया है.
राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने तृणमूल कार्यकर्ताओं द्वारा शिकायत दर्ज कराये जाने की जानकारी देते हुए कहा: आम लोग डर के साये में जी रहे हैं. कुछ लोगों को डर सता रहा है कि भाजपा नेता दिलीप घोष उनकी हत्या कर सकते हैं. उत्तर 24 परगना के हाबड़ा में एक एफआइआर दर्ज करायी गयी है. वहीं, दूसरी एफआइआर नदिया जिले के रानाघाट इलाके में तृणमूल नेता द्वारा दर्ज करायी गयी. नदिया पुलिस ने शिकायत दर्ज कराये जाने की पुष्टि भी की है.
दूसरी ओर, भाजपा हाइकमान और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष का न सिर्फ बचाव किया है, बल्कि उनका समर्थन भी किया है. भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने श्री घोष का समर्थन करते हुए कहा कि बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के समय 1971 में शेख मुजिबुर रहमान ने अपने भाषण में कहा था कि जो भी घर में हैं, उसे लेकर शत्रु का दमन करना होगा. लोग राष्ट्र की संपत्ति नष्ट कर रहे हैं. पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है. देश की संपत्ति नष्ट करने वालों को उत्साहित किया जा रहा है.
राज्य सरकार ने ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. श्री घोष ने भाषण में गोली मारने की बात कही थी, लेकिन उसका मतलब गोली मारना नहीं था. शेख मुजिबुर रहमान, लेलिन, स्टालिन का भाषण सुनें, क्या उनमें इस तरह की बातें नहीं कहीं गयी हैं. ममता बनर्जी ने संसद में क्या किया था? विधानसभा में तोड़फोड़ की गयी थी. अब लंबी-लंबी बातें कर रहे हैं. ममता बनर्जी के लोगों ने भाजपा के 92 कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी है, तो क्या वे लोग उनका फूल से स्वागत करेंगे.
उन्होंने सवाल किया : क्या अपराध था कि 18 साल के त्रिलोचन महतो को फांसी पर लटका दिया गया. एक के बाद एक राजनीतिक हत्या की गयी है. इसमें से ज्यादातर अनुसूचित जाति और जनजाति के लोग थे. क्या उनका फूल और बेल पत्र से स्वागत किया जायेगा. दिलीप बाबू को अपने कार्यकर्ताओं को उत्साहित करना होगा कि वह कार्यकर्ताओं के साथ हैं.
क्या कहा था प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने
नदिया जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए श्री घोष ने कहा था : दीदी (ममता बनर्जी) की पुलिस ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, क्योंकि वे उनके वोटर थे. उत्तर प्रदेश, असम और कर्नाटक में हमारी सरकारों ने इन लोगों को कुत्तों की तरह गोली मारी. घुसपैठियों को लेकर श्री घोष ने कहा था: तुम यहां आते हो, हमारा खाना खाते हो, यहां रहते हो और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हो. क्या यह तुम्हारी जमींदारी है? हम तुम्हें लाठियों से मारेंगे, गोली मारेंगे और तुम्हें जेल में डाल देंगे.