आठवीं कक्षा की इतिहास की पुस्तक में पांच साल बाद हुआ संशोधन

कोलकाता : राज्य के सभी सरकारी व सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूलों में कक्षा 8 के लिए जारी की गयी इतिहास की किताब में लंबे समय से संशोधन की मांग की जा रही थी. शिक्षकों व हेडमास्टरों का कहना है कि आठवीं कक्षा (बांग्ला, हिंदी व उर्दू मीडियम) की इतिहास की किताब ‘अतीत ओ एतिजो’ में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2020 1:13 AM

कोलकाता : राज्य के सभी सरकारी व सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूलों में कक्षा 8 के लिए जारी की गयी इतिहास की किताब में लंबे समय से संशोधन की मांग की जा रही थी.

शिक्षकों व हेडमास्टरों का कहना है कि आठवीं कक्षा (बांग्ला, हिंदी व उर्दू मीडियम) की इतिहास की किताब ‘अतीत ओ एतिजो’ में पेज नंबर 112, 113 पर एक चेप्टर में क्रांतिकारी जतिंद्रनाथ मुखोपाध्याय, सतीश चंद्र बसु, खुदीराम बसु, प्रफुल्ल चाकी, विनय बादल दिनेश जैसे क्रांतिकारियों को ‘विप्लवी संत्रासवाद’ कह कर संबोधित किया गया.
इन क्रांतिकारियों ने देश के लिए प्राण दे दिये, लेकिन उनको आतंकवादी कह कर चेप्टर में उल्लेख करना न्याय संगत नहीं है. इसमें संशोधन की मांग लंबे समय से की जा रही थी. यह चेप्टर 2014 से इसी त्रुटि के साथ प्रकाशित की जा रही है. इसको लेकर 2019 में एक विधायक द्वारा सवाल उठा कर आपत्ति भी जतायी गयी थी. इसके बाद अब 2020 में इसमें संशोधन किया गया है.
चेप्टर में क्रांतिकारियों के लिए ‘विप्लवी संत्रासवाद’ के स्थान पर ‘विप्लववादी’ सम्बोधित कर उल्लेख किया गया है. इसको लेकर रिव्यू सिलेबस कमिटी के सदस्य सपन मंडल का कहना है कि सरकार को इस गलती को सुधारने में 5 साल लग गये हैं. इसमें पहले ही सुधार कर देना चाहिए था, ताकि कक्षा 8 के बच्चे इन क्रांतिकारियों के बारे में सही जानकारी हासिल कर पायें. उनका कहना है कि इतिहास की किताब में सिंगुर आंदोलन का उल्लेख किया गया है. उस चेप्टर के प्रसंग में शारदा नारदा के आरोपी नेताओं के नाम का जिक्र कर उनकी सराहना की गयी है.
उन नेताओं ने भले ही भाग लिया हो, लेकिन अभी उन पर आरोप लगे हुए हैं. किताब में ऐसे नेताओं का नाम हटा देना चाहिए, इससे बच्चों पर गलत असर पड़ेगा. इसी तरह की मांग कैलाश मित्रा स्कूल के हेडमास्टर विश्वजीत मित्रा ने भी की है. उनका कहना है कि क्रांतिकारियों के नाम के आगे ‘विप्लवी संत्रासवाद’ लगा कर उनका अपमान किया गया. सुधार करने में सरकार ने काफी समय लगा दिया.

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