दिलीप घोष को फिर मिली अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी
भाजपा के लड़ाकू कार्यकर्ताओं के साथ सदा रहेंगे साथ बंगाल परिवर्तन के लिए है तैयार कोलकाता : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष फिरसे राज्य पार्टी अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं. गुरुवार को राष्ट्रीय पुस्तकालय के सभागार में आयोजित राज्य पार्टी की सांगठनिक बैठक में श्री घोष को निर्वाचित घोषित किया गया. गौरतलब है कि मेदिनीपुर से […]
भाजपा के लड़ाकू कार्यकर्ताओं के साथ सदा रहेंगे साथ
बंगाल परिवर्तन के लिए है तैयार
कोलकाता : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष फिरसे राज्य पार्टी अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं. गुरुवार को राष्ट्रीय पुस्तकालय के सभागार में आयोजित राज्य पार्टी की सांगठनिक बैठक में श्री घोष को निर्वाचित घोषित किया गया. गौरतलब है कि मेदिनीपुर से सांसद श्री घोष लगातार दूसरी बार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बने हैं. उन्होंने पहली बार 2016 में प्रदेश पार्टी अध्यक्ष का पद संभाला था. उसके बाद वह विधानसभा चुनाव में निर्वाचित हुए थे.
2019 के लोकसभा चुनाव में सांसद बने. 2019 में राज्य से भाजपा सांसदों की संख्या दो से बढ़कर 18 हो गयी.
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव मुरलीधर राव ने श्री घोष को वर्ष 2023 तक के लिए राज्य पार्टी अध्यक्ष चुने जाने से संबंधित प्रमाणपत्र सौंपा. इस अवसर पर केंद्रीय सह प्रभारी शिवप्रकाश जी, अरविंद मेनन, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य मुकुल राय, मंत्री देवश्री रायचौधरी, महासचिव संजय सिंह, सायंतन बसु, राजू बनर्जी, उपाध्यक्ष विश्वप्रिय रायचौधरी तथा प्रदेश चुनाव प्रभारी व महासचिव प्रताप बनर्जी सहित अन्य उपस्थित रहे. श्री घोष ने इस अवसर पर कार्यकर्ताओ को संबोधित करते हुए कहा : राज्य के एक करोड़ भाजपा समर्थकों के साथ वह भी एक सैनिक हैं. राज्य की जनता परिवर्तन चाहती है. लोगों ने अवसर दिया है. यह हमारी परीक्षा की घड़ी है. हमें इस परीक्षा में उत्तीर्ण होना होगा.
उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा : भाजपा को किसी भी तरह से रोका नहीं जा सकता है. पुलिस व गुंडों के बल पर भाजपा नेताओं के सामने बाधा पैदा की जा रही है, लेकिन भाजपा को रोकना संभव नहीं है. बंगाल परिवर्तन के लिए तैयार है. हाल में अपने बयान को लेकर विरोधियों के निशाने पर रहे श्री घोष ने कहा कि वह लड़ाकू कार्यकर्ताओं के साथ सदा ही रहेंगे. अभी तक 92 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गयी है. उन्हें दु:ख होता है, लेकिन इसे मान कर ही चलना होगा.
इसे स्वीकार करना ही होगा, लेकिन भाजपा किसी तरह से मैदान नहीं छोड़ेगी. शहीद भाजपा कार्यकर्ताओं का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा.
उन्होंने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि वह हताश हो गयी हैं. इसलिए कभी वह दिल्ली की दौड़ लगाती हैं, तो कभी मोदी जी के पास जाती हैं. उसी तरह से कांग्रेस और माकपा भी पूरी तरह से दिशाहीन हैं. कभी संसद में माकपा के 64 सदस्य थे, लेकिन अब विलुप्त होने के कगार पर हैं.