राज्य सरकार ने चुनाव आयोग से कहा बैलेट से होगा नगर निकाय का चुनाव

कोलकाता : बैलेट पेपर से ही नगर निकायों का चुनाव जायेगा. इस बाबत राज्य सरकार की ओर से चुनाव आयोग को अवगत करा दिया गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल तय हुआ है कि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक की परीक्षा समाप्त होने के बाद व रमजान महीना के शुरू होने से पहले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2020 1:36 AM

कोलकाता : बैलेट पेपर से ही नगर निकायों का चुनाव जायेगा. इस बाबत राज्य सरकार की ओर से चुनाव आयोग को अवगत करा दिया गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल तय हुआ है कि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक की परीक्षा समाप्त होने के बाद व रमजान महीना के शुरू होने से पहले चुनाव होगा.

अप्रैल महीने की शुरुआत में हावड़ा और कोलकाता नगर निगम का चुनाव होगा. अप्रैल के अंतिम हफ्ते में बाकी नगर निकाय के चुनाव होंगे. कुल मिलाकर दो अथवा तीन चरणों में चुनाव होगा.

उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखकर ममता बनर्जी ने कहा था कि इवीएम को टैंपर किया गया है. बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग उन्होंने 21 जुलाई के सभा मंच से की थी.
उसी वक्त उन्होंने कहा था कि नगर निकाय का चुनाव बैलेट पेपर से किया जायेगा. राज्य सरकार के इस निर्णय को राज्य चुनाव आयोग को बता दिया गया है. जानकारी के अनुसार अगले 10 फरवरी के बाद चुनाव की तारीखों का एलान राज्य चुनाव आयोग की ओर से किया जायेगा. पिछले डेढ़ दशक से नगर निकाय का चुनाव बैलेट पेपर से होते आ रहा है. बैलेट से चुनाव कराने का अनुभव राज्य चुनाव आयोग को है.
जरूरत के मुताबिक बैलेट बाॅक्स भी हैं, इसलिए उन्हें खरीदने की जरूरत नहीं है. गौर करने की बात यह है कि राज्य चुनाव आयोग से नवान्न को समझाने का प्रयास हो रहा है कि फिर से बैलेट की तरफ जाना सही नहीं होगा, क्योंकि इवीएम से चुनाव कराना आसान है. यह सुरक्षित भी होती है. राज्य की 110 नगर निकाय में बूथों की संख्या 18 हजार है. कोलकाता नगर निगम में कुल आठ हजार सात सौ बूथ हैं, जबकि हावड़ा नगर निगम के पास 1200 बूथ हैं. राज्य चुनाव आयोग के पास 21 हजार इवीएम हैं, जिसमें कुछ को खारिज किया गया, तो भी दिक्कत नहीं होगी.
जरूरत पड़ी, तो केंद्रीय चुनाव आयोग या पड़ोसी राज्य से किराये पर ली जा सकती है. राज्य चुनाव आयोग के पास आधुनिक एम-2 मॉडल की 11 हजार इवीएम पहले से ही मौजूद हैं. इससे दिक्कत नहीं होगी. लोकसभा में एम-3 मॉडल का उपयोग किया गया था. चूंकि मुख्यमंत्री खुद बैलेट से चुनाव चाहती हैं, इसलिए नवान्न की ओर से राज्य चुनाव आयोग को इवीएम के बारे में कोई आश्वासन नहीं दिया जा रहा है.

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