कोलकाता : सीएए और एनआरसी के खिलाफ लोग अलग-अलग तरीके से विरोध जता रहे हैं. कोई जुलूस निकाल रहा है तो कोई धरना प्रदर्शन में व्यस्त है. बुद्धजीवी पदयात्रा कर रहे हैं तो चित्रकार तस्वीर बना कर अपने विरोध का इजहार कर रहे हैं. इन सबके बीच माकपा के छात्र संगठन एसएफआइ की राज्य कमेटी की सदस्य अंतरा घोष ने सीएए और एनआरसी का विरोध जिस नायाब अंदाज में किया, उसे देख कर हर कोई उसकी सराहना कर रहा है. हुआ यूं कि शुक्रवार को अंतरा की शादी थी. शादी की तैयारी भी थी. बारात जब अंतरा के घर पहुंची तो बारात का स्वागत वहां मौजूद महिलाओं ने परंपरागत तरीके से उलू ध्वनि से किया. इसके बाद बाराती और घराती मिल कर शादी के बाकी की रस्मों को पूरा करने लगे.
इसी बीच जब ब्राह्मण ने कन्या को विवाह के पीढ़े पर बैठने को बुलाया तो अंतरा पहुंची और पीढ़े पर बैठते ही सीएए और एनआरसी के खिलाफ हाथ लिखा पोस्टर लेकर लोगों को दिखाने लगी. उसके इस कदम से पहले लोगों को कुछ समझ में नहीं आया, बाद में सब उसकी तारीफ करने लगे और शादी के माहौल में चर्चा का विषय यह आंदोलन बन गया. अंतरा के इस कदम पर उसके संगठन के राज्य सचिव सुजन भट्टाचार्य ने लाल सलाम जताया है.
सुजन के मुताबिक अंतरा ने जो साहस दिखाया है वह तारीफ के काबिल है, क्योंकि लोग इस मुद्दे पर आंदोलन कर रहे हैं. कुछ लोग इसे हिंदू मुस्लिम के नजरिए से दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अंतरा के इस कदम ने जता दिया कि यह आंदोलन जाति, भाषा और धर्म से अलग हट कर आम नागरिकों का आंदोलन है.
युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शादाब खान ने कहा कि जिस तरह से इस आंदोलन को अल्पसंख्यक समुदाय का आंदोलन बना कर देश को बांटने का प्रयास हो रहा था. उस पर अंतरा ने पानी फेर दिया. लोगों को जता दिया कि यह आंदोलन देश को धर्म के आधार पर बांटनेवालों के खिलाफ किसी धर्म विशेष का आंदोलन नहीं है.