बैंकों के बंद रहने से कारोबार प्रभावित, बाजार में पसरा सन्नाटा

कर्सियांग : बैंकों में हड़ताल के कारण बंदी से कर्सियांग में कारोबार प्रभावित हो गया है. इसके कारण बाजार में छाया रहा सन्नाटा. अपने विविध लंबित मांगों के निराकरण नहीं होने से नाराज बैंक यूनियनों द्वारा आहूत दो दिवसीय देशव्यापी बैंक हड़ताल के तहत शुक्रवार की भांति शनिवार भी कर्सियांग क्षेत्र के संपूर्ण बैंक सहित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 2, 2020 2:59 AM

कर्सियांग : बैंकों में हड़ताल के कारण बंदी से कर्सियांग में कारोबार प्रभावित हो गया है. इसके कारण बाजार में छाया रहा सन्नाटा. अपने विविध लंबित मांगों के निराकरण नहीं होने से नाराज बैंक यूनियनों द्वारा आहूत दो दिवसीय देशव्यापी बैंक हड़ताल के तहत शुक्रवार की भांति शनिवार भी कर्सियांग क्षेत्र के संपूर्ण बैंक सहित एटीएम पूर्ण रूपसे बंद रहे. इसके कारण सूचना के अभाव में रहे क्षेत्र के लोगों को शनिवार काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

स्थानीय दुकानदारों के अनुसार अचानक यदि बैंक व एटीएम बंद हो जाता है तो कारोबार में व्यापक असर पड़ता है. कारण अधिकतर लोग आजकल रूपये बैंक में ही रखते हैं. मार्केटिंग करने बाजार आते वक्त अपनी आवश्यकता अनुरूप रूपये बैंक अथवा एटीएम से निकालने का कार्य करते हैं. इसलिए बैंक व एटीएम को अचानक बंद कर देने से व्यापार प्रभावित होना व लोगों को विविध समस्याओं से जूझने को मजबूर होना स्वाभाविक है.
शनिवार सुदूरवर्ती इलाकों से कर्सियांग बाजार में मार्केटिंग करने आनेवाले प्रदीप खवास, चेतन राई, सावित्री प्रधान व बंदना सुब्बा ने बताया कि बैंक हड़ताल के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं होने के कारण वे लोग मार्केटिंग करने के लिए कर्सियांग पहुंचे. परंतु जब वे बैंक पहुंचे तो,बैंक बंद दिखा. उसके बाद क्षेत्र के विविध एटीएम में वे लोग गये. परंतु संपूर्ण एटीएम भी बंद मिला. फलस्वरूप अपने पास रहे थोड़ बहुत राशि से वे लोग मार्केटिंग कर अपनी गंतव्य की ओर जाने को मजबूर हुए.
जानकारी के अनुसार बैंक यूनियनों की मांग में वेतन में कम से कम 20 प्रतिशत वृद्धि करने,बैंकों में हप्ते में पांच दिन ही काम करने, बेसिक पे में स्पेशल भत्ते का विलय करने, एनपीएस को खत्म करने, परिवार को दिये जानेवाले पेंशन में सुधार करने, स्टाफ वेलफेयर फंड का परिचालन लाभ के आधार पर बांटने, अवकाश ग्रहण करने के बाद मिलनेवाले लाभ को आयकर से बाहर करने व कांट्रैक्ट व बिजनेस कारेस्पांडेंट के लिए समान वेतन करने आदि मांगें शामिल है.

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