विधानसभा सत्र के पहले शांति निकेतन यात्रा के लिए राज्यपाल को मिला हेलीकॉप्टर

– पार्थ व अमित मित्रा के बाद मुख्य सचिव ने राज्यपाल से की मुलाकात कोलकाता : सात फरवरी से प्रस्तावित विधानसभा के सत्र के पहले राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ की बृहस्पतिवार को होने वाली शांति निकेतन यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने का फैसला किया है. सुश्री बनर्जी के इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 4, 2020 9:34 PM

– पार्थ व अमित मित्रा के बाद मुख्य सचिव ने राज्यपाल से की मुलाकात

कोलकाता : सात फरवरी से प्रस्तावित विधानसभा के सत्र के पहले राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ की बृहस्पतिवार को होने वाली शांति निकेतन यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने का फैसला किया है. सुश्री बनर्जी के इस फैसले को राज्य सरकार और राजभवन के बीच सुलह के संकेत के रूप में देखा जा सकता है.

राज्यपाल सचिवालय ने धनखड़ की यात्रा के लिए राज्य सरकार से एक हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था और पहले के विपरित इस बार प्रशासन ने इसकी स्वीकृति दे दी. दूसरी ओर, संसदीय मंत्री पार्थ चटर्जी, वित्त मंत्री अमित मित्रा के बाद मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने मंगलवार की शाम को राज भवन में राज्यपाल से मुलाकात की.

राजभवन के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा, ‘एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शांति निकेतन जा रहे राज्यपाल की यात्रा के लिए हमने एक हेलीकॉप्टर मांगा था. राज्य सरकार ने इसकी स्वीकृति दे दी है.’ गौरतलब है कि धनखड़ ने कल ही राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा और संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी के साथ बैठक कर सात फरवरी से शुरू हो रहे पश्चिम बंगाल के बजट सत्र पर चर्चा की थी.

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के महासचिव चटर्जी के साथ राज्यपाल की एक बैठक रविवार को भी हुई थी जो करीब डेढ़ घंटे चली थी. तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस घटना से पता चलता है कि राज भवन और प्रदेश सरकार दोनों अपना रूख नरम कर रहे हैं.

पिछले साल धनखड़ के शांति निकेतन, डोमकल और फरक्का जाने के लिए राज्यपाल सचिवालय ने प्रदेश सरकार से कई बार हेलीकॉप्टर देने का अनुरोध किया था. लेकिन सरकार ने अनुरोध ठुकरा दिया था. जादवपुर विश्वविद्यालय में हुई घटना सहित कई मामलों को लेकर धनखड़ और प्रदेश सरकार के बीच तनातनी लगातार जारी है.

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण को लेकर राज्य सरकार चिंतित है. सरकार चाहती है कि राज्यपाल सरकार द्वारा मुहैया किये गये अभिभाषण को यथावत पढ़ दें. उसे यह डर है कि राज्यपाल उक्त अभिभाषण में कोई संशोधन न कर दें.

दूसरी ओर, श्री चटर्जी और श्री मित्रा की मुलाकात के दूसरे दिन मुख्य सचिव की मुलाकात के बाद राजनीतिक हलकों में यह कयास लगाये जा रहे हैं कि राज्यपाल पूरे अभिभाषण को अच्छी तरह से देख लेना चाहते हैं और संभव है कि वह कुछ अपनी बातें भी इसमें शामिल कराना चाहते हैं.

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