कोलकाता : राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को बजट सत्र की शुरुआत में बिलकुल वैसा ही अभिभाषण पढ़ा, जैसा राज्य सरकार की तरफ से उनके लिए तैयार किया गया था. सत्र के अभिभाषण के दौरान सबकुछ सामान्य रहा. लिखित अभिभाषण से अलग नहीं बोलने ने राज्य सरकार के साथ उनके किसी तरह के टकराव की आशंका को खत्म कर दिया.
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राज्यपाल ने की ”राज्य सरकार के मन की बात”
कोलकाता : राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को बजट सत्र की शुरुआत में बिलकुल वैसा ही अभिभाषण पढ़ा, जैसा राज्य सरकार की तरफ से उनके लिए तैयार किया गया था. सत्र के अभिभाषण के दौरान सबकुछ सामान्य रहा. लिखित अभिभाषण से अलग नहीं बोलने ने राज्य सरकार के साथ उनके किसी तरह के टकराव की […]
राज्यपाल ने कहा कि असहिष्णुता, धर्मांधता और नफरत ‘देश में नये मानक हैं.’ उन्होंने अभिभाषण में यह भी कहा कि असहमति के सभी रूपों को अस्वीकार करना, राष्ट्रवाद के नाम पर नया फैशन बन गया है. श्री धनखड़ ने गुरुवार को कहा था कि वह अपने अभिभाषण से ‘इतिहास बनायेंगे.’ उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के संवैधानिक प्रमुख के तौर पर उन्होंने अपने सुझाव दिये थे और उन्हें उम्मीद थी कि उनके अभिभाषण में उन सुझावों को शामिल किया जायेगा. नियमों के मुताबिक, बजट सत्र के दौरान राज्यपाल राज्य सरकार द्वारा तैयार अभिभाषण को पढ़ते हैं, जिसमें सरकार के नीतिगत फैसलों का जिक्र होता है.
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