वित्त वर्ष 2020-21 : एससी-एसटी वर्ग के बुजुर्गों को 1000 की पेंशन गरीबों को 75 यूनिट तक मिलेगी मुफ्त बिजली
वित्त वर्ष 2020-21 : वित्त मंत्री अमित मित्रा ने पेश किया आठ करोड़ रुपये के घाटे का बजट कोलकाता : वित्त मंत्री अमित मित्रा ने सोमवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए राज्य बजट पेश किया. बजट में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़े तबके को प्राथमिकता दी गयी है. एससी/एसटी वर्ग के […]
वित्त वर्ष 2020-21 : वित्त मंत्री अमित मित्रा ने पेश किया आठ करोड़ रुपये के घाटे का बजट
कोलकाता : वित्त मंत्री अमित मित्रा ने सोमवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए राज्य बजट पेश किया. बजट में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़े तबके को प्राथमिकता दी गयी है. एससी/एसटी वर्ग के 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों के लिए प्रतिमाह एक हजार रुपये की पेंशन प्रस्तावित की गयी है.
बजट में गरीब उपभोक्ताओं को तिमाही आधार पर 75 यूनिट तक बिजली खपत को निशुल्क घोषित किया गया है. इसे लोकलुभावन बजट माना जा रहा है. गौरतलब है कि जल्द ही राज्य में नगर निकाय चुनाव होने हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में वित्त मंत्री अमित मित्रा ने आठ करोड़ रुपये के घाटे का बजट पेश करते हुए वर्ष 2020-21 के लिए कुल 2,55,677 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बेरोजगार युवकों को रोजगार प्रदान करने में राज्य सरकार अव्वल रही है. वर्ष 2019-20 के दौरान अब तक 9.11 लाख लोगों को रोजगार का अवसर प्रदान किया गया है. बाद में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने हमेशा से ही जनता की सुख-सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए जनमुखी बजट पेश किया है.
इस बार भी राज्य के पिछड़े व गरीब तबके के लोगों पर विशेष ध्यान दिया गया है. अनुसूचित जाति के वरिष्ठ नागरिकाें के लिए ‘ बंधु ‘ योजना व अनुसूचित जनजाति श्रेणी के वरिष्ठ नागरिकों के लिए ‘ जन जोहार ‘ योजना शुरू करने का प्रस्ताव पेश किया गया है, जिसके तहत इस समुदाय के वरिष्ठ नागरिकों को प्रत्येक माह 1000 रुपये पेंशन के रूप में दिये जायेंगे.
इन दोनों योजनाओं पर राज्य सरकार 3000 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इन योजनाओं से राज्य के 25 लाख अनुसूचित जाति व जनजाति समुदाय के लोग लाभान्वित होंगे. इसके साथ ही गरीब तबके के लोगों के घरों तक बिजली मुफ्त में पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने ‘हासिर आलो’ योजना शुरू करने जा रही है, जिसके तहत प्रति तीन माह 75 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले लोगों को ‘ नि:शुल्क बिजली ‘ प्रदान की जायेगी.
इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 200 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. इससे राज्य के 35 लाख उपभोक्ता लाभान्वित होंगे. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने राज्य में और तीन विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा की. झाड़ग्राम में अलचिकी भाषा के लिए बिरसा मुंडा विश्वविद्यालय, पिछड़ी जाति बहुल क्षेत्र में अांबेडकर विश्वविद्यालय व ओबीसी समुदाय के लोगों के लिए आजाद यूनिवर्सिटी की स्थापना की जायेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के असंगठित क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों के लिए राज्य सरकार ने सामाजिक सुरक्षा योजना शुरू की थी, जिसके तहत इस सेक्टर के लाेगों को प्रोविडेंट फंड की सुविधा दी जाती थी, जिसमें 25 रुपये उपभोक्ता व 30 रुपये राज्य सरकार द्वारा जमा किया जाता था. अब राज्य सरकार ने इस योजना का नाम परिवर्तित करते हुए ‘बिना मूल्य सामाजिक सुरक्षा’ करने का प्रस्ताव रखा है. इसके तहत अब उपभोक्ताओं को कोई राशि जमा नहीं करनी होगी.
उनकी राशि भी राज्य सरकार जमा करेगी. इससे राज्य के 1.5 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगार युवक-युवतियों को स्वनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार ने ‘कर्मसाथी योजना’ शुरू करने का प्रस्ताव रखा है. इस योजना के तहत अगले तीन वर्ष में प्रत्येक वर्ष एक लाख युवक-युवतियों को कारोबार शुरू करने के लिए दो-दो लाख रुपये का ऋण प्रदान किया जायेगा.
इसके लिए राज्य सरकार ने 500 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं. उत्तर बंगाल में चाय बागान में कार्य करने वाले स्थायी श्रमिकों के लिए मुफ्त में आवास देने का प्रस्ताव भी रखा गया है. राज्य सरकार ने ‘चाय-सुंदरी’ योजना शुरू करने की घोषणा की, जिसके तहत अगले तीन वर्ष में चाय बगान में कार्यरत स्थायी गृहहीन श्रमिकों को राज्य सरकार द्वारा घर बना कर दिया जायेगा. इस पर राज्य सरकार 500 करोड़ रुपये खर्च करेगी.
शिक्षा
अगले दो वर्ष में झारग्राम में बिरसा मुंड विश्वविद्यालय, अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्र में आंबेडकर विश्वविद्यालय एवं पिछड़ी जाति के शैक्षणिक उन्नति के लिए विश्वविद्यालय की स्थापना होगी. पिछले आठ साल में राज्य में विश्वविद्यालय की संख्या 12 से बढ़कर 42 हो गयी है. इसमें हिंदी भाषियों के लिए हावड़ा में एक विश्वविद्यालय शामिल है.
बुजुर्ग (एससी)
अनुसूचित जाति समुदाय के बुजुर्गों के लिए ‘बंधु प्रकल्प’ योजना शुरू होगी. योजना के तहत एससी वर्ग के 60 साल से ज्यादा उम्र के सभी बुजुर्गों को प्रतिमाह 1000 रुपये की पेंशन मिलेगी . लगभग 21 लाख लोग इस योजना से लाभान्वित होंगे. योजना के तहत अगले वित्त वर्ष के लिए 2500 करोड़ रुपये आवंटित होंगे.
सामाजिक सुरक्षा
असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सरकार बीमा योजना चलाता है. इसके तहत बीमाकर्ता को हर महीने 25 रुपये जमा करने होते हैं. राज्य सरकार 30 रुपये प्रतिमाह का योगदान करती है. साठ साल की उम्र होने या मृत्यु या बीमा खत्म हो जाने पर ब्याज के साथ जमाराशि लाभान्वित को प्रदान की जाती है.
अब ’बिना मूल्य सामाजिक सुरक्षा’ नाम की योजना के तहत सरकार ही बीमाकर्ता के योगदान की 25 रुपये की राशि को भी वहन करेगी. यानी लाभुकों को कोई राशि नहीं देनी होगी. उन्हें निशुल्क बीमा सुरक्षा प्रदान की जायेगी. यह योजना एक अप्रैल, 2020 से शुरू होगी
योजना मद में 500 करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा की गयी है
बिजली
राज्य के गरीब लोगों के लिए ‘हासिर आलो’ योजना शुरू की जायेगी. योजना के तहत ऐसे गरीब उपभोक्ताओं से बिजली शुल्क नहीं वसूला जायेगा, जिनका तिमाही (तीन महीने में) बिजली उपभोग 75 यूनिट तक होगी इससे 35 लाख गरीब परिवार लाभान्वित होंगे. योजना के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित होंगे.
चाय श्रमिक
बजट में आवासविहीन चाय मजदूरों के लिए ‘चा सुंदरी’ योजना शुरू करने की घोषणा की गयी है. योजना के तहत अगले तीन वर्षों में राज्य सरकार आवासविहीन स्थायी चाय श्रमिकों के लिए घर के निर्माण के लिए धनराशि मुहैया करायेगी. इस योजना के मद में अगले वित्त वर्ष के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा की गयी है. राज्य में तीन लाख स्थायी चाय श्रमिक हैं.