जादवपुर विवि के छात्र संघ चुनाव में पहली बार उतरी एबीवीपी

दर्ज करायी मजबूत उपस्थिति कोलकाता : जादवपुर विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव में पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) उतरी और अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करायी है. संगठन ने विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग में माकपा के छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) को पीछे छोड़ दिया है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2020 2:43 AM

दर्ज करायी मजबूत उपस्थिति

कोलकाता : जादवपुर विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव में पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) उतरी और अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करायी है. संगठन ने विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग में माकपा के छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) को पीछे छोड़ दिया है. एसएफआइ तीसरे और तृणमूल कांग्रेस की छात्र इकाइ तृणमूल छात्र परिषद चौथे स्थान पर रही.
एबीवीपी चुनाव में स्वतंत्र छात्र संगठन डीएसएफ के बाद दूसरे बड़े संगठन के रूप में उभरी है. हालांकि, वाम समर्थक छात्र संगठनों ने तीन में से दो संकायों में अपना कब्जा बरकरार रखा है. चुनाव के नतीजों की घोषणा गुरुवार को हुई. विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि एक अन्य संकाय में वोटों की गिनती हुई जहां तकनीकी कारणों से मतगणना रोके जाने तक एसएफआइ आगे चल रही थी.
इंजीनियरिंग विभाग में कुल 1405 वोट पड़े, जिनमें से डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फ्रंट (डीएसएफ) को 1167 वोट मिले. एबीवीपी की झोली में 115 वोट आये, वहीं एसएफआइ को 70 वोट मिले यानी एसएफआइ को पीछे छोड़ कर एबीवीपी ने दूसरा स्थान हासिल कर लिया. एसएफआइ तीसरे स्थान पर आ गयी. वहीं, तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद को महज 29 वोट के साथ चौथे स्थान पर संतोष करना पड़ा.
एक और वाम समर्थक छात्र संगठन ‘वी द इंटिपेंडेंट’ (डब्ल्यूटीआइ) ने सेंट्रल पैनल की सभी चार सीटों पर कब्जा जमाते हुए विज्ञान संकाय में अपना नियंत्रण कायम रखा. हरेक सेंट्रल पैनल में अध्यक्ष का एक, महासचिव का एक तथा दो या तीन पद सहायक महासचिव के हैं. एक अधिकारी ने बताया कि कुछ तकनीकी कारणों से कला संकाय में मतों की गिनती रोक दी गयी और बाद में नतीजों की घोषणा की जायेगी. यहां पर भी एसएफआइ आगे चल रही है. वामपंथी राजनीति का गढ़ माने जाने वाले विश्वविद्यालय में तीन साल बाद बुधवार को चुनाव हुआ था. विश्वविद्यालय के अधिकारी ने बताया कि डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ) ने इंजीनियरिंग संकाय में केंद्रीय पैनल की पांचों सीटों पर जीत हासिल की.

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