21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पूर्व सांसद कृष्णा बोस का दिल का दौरा पड़ने से निधन

कोलकाता : नेताजी सुभाष चंद्र बोस के भतीजे शिशिर बोस की पत्नी व पूर्व सांसद कृष्णा बोस का शनिवार सुबह करीब 10 बजकर 20 मिनट पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वह 89 वर्ष की थीं. उनके परिजनों के मुताबिक चार वर्ष पहले उन्हें दिल का दौरा पड़ा था. स्वस्थ हो जाने […]

कोलकाता : नेताजी सुभाष चंद्र बोस के भतीजे शिशिर बोस की पत्नी व पूर्व सांसद कृष्णा बोस का शनिवार सुबह करीब 10 बजकर 20 मिनट पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वह 89 वर्ष की थीं. उनके परिजनों के मुताबिक चार वर्ष पहले उन्हें दिल का दौरा पड़ा था. स्वस्थ हो जाने पर भी पूरी तरह वह उससे उबर नहीं सकी थीं. पिछले पांच दिनों से वह अस्वस्थ थीं. उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली.
अंतिम संस्कार संपन्न: कृष्णा बोस की शवयात्रा रात करीब आठ बजे नेताजी भवन से निकली और केवड़ातला महाश्मशानघाट तक गयी. बंदूक की सलामी व पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गयी. वहीं उनका अंतिम संस्कार संपन्न हुआ.दिवंगत कृष्णा बोस का जन्म 26 दिसंबर 1930 को ढाका में हुआ था.
उनके निधन के वक्त अस्पताल में उनके दो पुत्र सुगत बसु व सुमंत्र बसु मौजूद थे. शनिवार सुबह उनके दोनों पुत्रों ने ही कृष्णा बोस के निधन का समाचार दिया. कृष्णा बोस के पति शिशिर बोस नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बड़े भाई शरत चंद्र बोस के पुत्र थे.
कृष्णा बोस ने कोलकाता विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में एमए किया था. बाद में महानगर के सिटी कॉलेज में उन्होंने 40 वर्ष तक अध्यापन किया. वह अंग्रेजी विभाग की प्रमुख थीं. कृष्णा बोस सिटी कॉलेज में 8 वर्ष तक प्रिंसिपल भी रहीं. वह जादवपुर लोकसभा सीट से तीन बार तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित हुईं.
पिछले दिनों लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच हुई जुबानी जंग की कड़वाहट को देखते हुए कृष्णा बोस ने ममता बनर्जी को प्रधानमंत्री मोदी का सम्मान करने की नसीहत दी थी. उन्होंने मोदी को भी संयम से काम लेने की सलाह दी. कृष्णा बोस का कहना था कि भले ही दो नेताओं के बीच वैचारिक मतभेद हो लेकिन मोदी देश के चुने हुए प्रधानमंत्री हैं और उनके प्रति सम्मान रखना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने शोक प्रकट किया
उधर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नेताजी भवन में कृष्णा बोस को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि कृष्णा बोस के रूप में उन्होंने एक अभिभावक को खोया है. शिक्षा, राजनीतिक व सामाजिक जगत में उनकी कमी महसूस की जायेगी. वह अपने कार्यों में हमेशा जीवित रहेंगी.
मुख्यमंत्री कृष्णा बोस के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि 1996, 1998 और 1999 में कुल तीन बार वह सांसद चुनी गयीं. सांसद रहते हुए वह विदेशी मामलों की स्थायी समिति की चेयरपर्सन रहने के अलावा कमेटी ऑन ऑफिशियल लैंग्वैज तथा केंद्र सरकार की विभिन्न कमेटियों की सदस्य रहीं.
जीवन के आखिर समय तक वह नेताजी रिसर्च ब्यूरो की प्रमुख के तौर पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आदर्श व देशप्रेम की भावना को प्रसारित करने का काम करती रहीं. उन्होंने ‘ऐन आउटसाइडर इन पॉलिटिक्स’, ‘एमिली एंड सुभाष’, ‘ चरनरेखा तब’, ‘प्रसंग सुभाषचंद्र’, ‘इतिहासेर संधाने’ सहित कई किताबें लिखीं. उनके निधन से राजनीति व शिक्षा जगत को अपूरणीय क्षति हुई. उनके निधन पर वह उनके दोनों बेटे सुमंत्र व सुगत, बेटी शर्मिला सहित उनके सभी परिजनों व करीबियों के प्रति आंतरिक संवेदना व्यक्त करती हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें