कोलकाता: कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद, राजा राम मोहन राय, रामकृष्ण परमहंस, मां शारदा जैसे मनीषियों की भूमि बंगाल दुनियाभर में अपनी संस्कृति व संस्कार के लिए वर्षो से मशहूर है. लेकिन भद्र लोक की यह ऐतिहासिक भूमि इन दिनों दुष्कर्म की वारदातों व महिलाओं से अपराध के लिए पूरी दुनिया बदनाम होती जा रही है. पिछले कुछ वर्षो में यहां महिलाओं के खिलाफ अपराध काफी बढ़ गयी हैं.
नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की आंकड़ों पर नजर डालें तो बंगाल दुष्कर्म व महिलाओं पर अत्याचार के मामले में शीर्ष पर पहुंच चुका है. 2011 में पूरे देश में महिलाओं से अत्याचार के मामले 29,133 दर्ज किये गये थे, जिसमें 19,772 मामले सिर्फ पश्चिम बंगाल में हुए. दुष्कर्म के अंतिम तीन साल के आंकड़ों पर नजर डाला जाय तो वर्ष 2010 में इस राज्य में दुष्कर्म के 2311 मामले दर्ज किये गये. जो कि वर्ष 2011 में बढ़ कर 2363 हो गये.
2012 में दुष्कर्म की घटनाएं जहां दिल्ली में 453, मुंबई में 221 बंगलुरु में 97 और चेन्नई में 76 पाये गये. वहीं इसकी संख्या हमारे राज्य में 1836 पार कर गयी. जो कि 2005 के राज्य के अपने रिकार्ड 1673 से 163 ज्यादा है.