पश्चिम बंगाल में बिजली उत्पादन हो सकता है प्रभावित

कोलकाता : 214 कोयला ब्लॉक के अवैध घोषित हो जाने से पश्चिम बंगाल में बिजली उत्पादन प्रभावित हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सीइएससी लिमिटेड अपनी महत्वपूर्ण कोयला खदान सरसाटली खो देगी, जहां प्रति वर्ष कंपनी तीन मिलियन टन कोयले का उत्पादन करती है. सीइएससी यहां अपनी अनुषंगी कंपनी इंटीग्रेटेड कोल माइनिंग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 25, 2014 7:48 AM

कोलकाता : 214 कोयला ब्लॉक के अवैध घोषित हो जाने से पश्चिम बंगाल में बिजली उत्पादन प्रभावित हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सीइएससी लिमिटेड अपनी महत्वपूर्ण कोयला खदान सरसाटली खो देगी, जहां प्रति वर्ष कंपनी तीन मिलियन टन कोयले का उत्पादन करती है.

सीइएससी यहां अपनी अनुषंगी कंपनी इंटीग्रेटेड कोल माइनिंग लिमिटेड के माध्यम से पिछले सात वर्षो से खनन कर रही है. जानकारी के अनुसार, सीइएससी 1225 मेगावाट बिजली का उत्पादन करती है. इसके लिए लगनेवाले कोयला का 45 प्रतिशत हिस्सा इसी खदान से निकाला जाता है. इसके अलावा राज्य सरकार की अधीनस्थ संस्था पश्चिम बंगाल बिजली विकास निगम लिमिटेड अपनी छह खदान खो देगी और इससे इनके कोयले का उत्पादन 4-5 मिलियन टन तक प्रभावित होगा.

यहां से राज्य सरकार प्रत्येक वर्ष मांग का करीब 30-35 प्रतिशत कोयले का उत्पादन करती है. यह जानकारी कंपनी के प्रबंध निदेशक गुरुदास गोस्वामी ने दी. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यहां मार्च 2015 तक कोयला उत्पादन करने की अनुमति दी है, लेकिन उसके बाद क्या होगा, यह कहना मुश्किल है.

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