ममता बनर्जी को झटका, NIA करेगी वर्द्धमान धमाके की जांच

2 अक्‍टूबर को पश्चिम बंगाल के वर्द्धमान में हुए बम धमाकों की जांच अब NIA की टीम करेगी. गृह मंत्रालय ने इसकी इजाजत दे दी है. बताया जा रहा है कि धमाका करने वाले आतंकवादी बांग्‍लादेश के रास्‍ते बंगाल में घुसे थे. गृह मंत्रालय ने इस मामले की जांच में बंगाल पुलिस पर लिपापोती का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 9, 2014 7:48 AM
2 अक्‍टूबर को पश्चिम बंगाल के वर्द्धमान में हुए बम धमाकों की जांच अब NIA की टीम करेगी. गृह मंत्रालय ने इसकी इजाजत दे दी है. बताया जा रहा है कि धमाका करने वाले आतंकवादी बांग्‍लादेश के रास्‍ते बंगाल में घुसे थे. गृह मंत्रालय ने इस मामले की जांच में बंगाल पुलिस पर लिपापोती का आरोप लगाया है. जांच एजेंसियों की माने तो इस धमाके में 44,000 से 50,000 रुपये खर्च किये गये थे. दो अक्‍टूबर को हुए इस धमाके को एशियन गेम में भारत-पाक हॉकी मैच में पाकिस्‍तान की करारी हार से भी जोड़ा जा रहा है. बीएसएफ ने अपनी रिपोर्ट में आज कहा कि दो अक्‍टूबर के बाद ही पाकिस्‍तान की ओर से सीजफायर उल्‍लंघन भी किया जा रहा है. हाल ही में अलकायदा ने भारत में अपनी शाखा खोले जाने की घोषणा की थी. इस मामले को इससे जोड़कर भी इसकी जांच की जिम्‍मेवारी NIA को सौंपी गयी है.
सरगना कौसर करता था उपयोग, भारी मात्र में हथियार, ड्राइविंग लाइसेंस बरामद
बर्दवान के खगड़ागढ़ में बम विस्फोट व आतंकी गतिविधियों की जांच कर रही अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) व खुफिया पुलिस की संयुक्त टीम ने जब्त मोबाइल के आधार पर संदिग्ध आतंकवादियों के दो नये ठिकानों का पता लगाया है.इनमें से एक ठिकाना खगरागढ़ गांव के माटपाड़ा में तथा दूसरा बर्दवान जिला मुख्यालय के बाबू बाग बादशाही रोड में मिला है. इन दोनों जगहों से जांच टीम को कई हथियार मिले. लेकिन इन ठिकानों में रहनेवाले भाग निकलने में सफल रहे हैं.
अंदाजा है कि इस गिरोह का सरगना कौसर दोनों मकानों का उपयोग करता था. पुलिस अधीक्षक एसएमएच मिर्जा ने बताया कि ये दोनों मकान बाबरगढ़ और बादशाही रोड पर स्थित हैं. मोबाइल टावर लोकेशन के आधार पर मंगलवार की रात ही इनकी जानकारी मिली. संभावना है कि संदिग्ध आतंकी कौसर इन्हीं मकानों में रहता था. जांच अधिकारी जब मकानों पर पहुंचे,तो दरवाजे पर बाहर से ताला लगा पाया. हालांकि घर की बत्ती जल रही थी और पंखे चल रहे थे.
इससे प्रतीत होता है कि आतंकी जल्दबाजी में फरार हुए थे. सीआइडी ने पांच अक्तूबर को कौसर का स्केच जारी किया था और उसे पकड़ने के लिए इस स्केच को बर्दवान तथा पास के जिलों के सभी पुलिस थानों एवं रेलवे स्टेशनों पर भेजा था. जांच अधिकारियों के अनुसार, बम विस्फोट के तुरंत बाद कौसर को इसकी सूचना मिल गयी थी और वह मोटरसाइकिल से फरार हो गया था. इसके बाद ही उसके सभी सहयोगी धीरे-धीरे फरार हो गये.
साक्ष्य के अनुसार, बम विस्फोट में मृत आतंकी शकील अहमद कपड़ा व्यवसाय की आड़ में मुर्शिदाबाद के बेलडांगा स्थित किराये के मकान में शस्त्र व विस्फोट बनाने का प्रशिक्षण देता था. इसका खुलासा रिमांड में चल रही आलिमा तथा रजिया बीबी ने पूछताछ के दौरान जांच अधिकारी के समक्ष किया. दोनो ने खुद भी प्रशिक्षण लेने की बात स्वीकार की है.
संदिग्ध तीसरी महिला की तलाश
तलाशी अभियान के दौरान दो नाइन एमएम पिस्टल, दो 7.5 बोर के रिवाल्वर, 62 कारतूस, ड्राइविंग लाइसेंस, चिकित्सीय काजगात, पत्र, डायरी समेत जेहादी पुस्तकें और अन्य घातक सामग्रियां बरामद की गयीं. उक्त मकान तीन माह पहले आतंकी शकील अहमद और कौसर ने काजी अब्दुल रज्जाक से पांच हजार रुपये प्रति माह के किराये पर लिया था. इसमें शकील, हसन साहेब आदि का आना जाना था. बादशाही रोड के लस्कर दिघी में भी संदिग्ध आतंकियों के ठिकाने की जानकारी मिली है.
स्थानीय निवासियों ने टीम के अधिकारियों को बताया कि मकान मालिक मंटू शेख ने रिजाउल को भाड़े पर इसे दे रखा था. वह स्थानीय मसजिद में नमाज न पढ़ कर खगड़ागढ़ नमाज अदा करने जाता था. घर में रहनेवाले सात से आठ लोगों का आना जाना रहता था. दूसरी ओर सीआइडी को एक मोबाइल सीम मिला है जो कि रजिया नाम से मुर्शिदाबाद से खरीदा गया है. तीसरी महिला रजिया के साथ शकील की बातचीत होती थी. उक्त सीम का लोकेशन बर्दवान, मुर्शिदाबाद, नदिया तथा बीरभूम में पाया गया है. रजिया की भी तलाश चल रही है.
गौरतलब है कि दो अक्तूबर को बर्दवान के खगड़ागढ़ में एक मकान में बम बनाते समय धमाका होने से संदिग्ध आतंकी शकील अहमद और सुभान मंडल की मौत हो गयी और हसन साहेब जख्मी हो गया. पुलिस ने घटना के सिलसिले में अब तक दो महिलाओं समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है. आलिमा बीबी, रजिया बीबी, हसन साहेब और हाशेम मोल्ला को गिरफ्तार किया गया है. जांच अधिकारी इनसे पूछताछ कर रहे हैं.
मुसलिम समुदाय आगे आये : राहुल सिन्हा
कोलकाता. राज्य भाजपा अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने बुधवार को कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार बर्दवान धमाके की जांच में सहयोग नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि जांच में असहयोग कर रही राज्य सरकार को लालू यादव और जयललिता के मामलों से सीख लेनी चाहिए. राष्ट्रीय हित के मामलों को दूसरे राज्य में हस्तांतरित किया जा सकता है. सिन्हा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में बिना जांच के 10 हजार मदरसों को मान्यता दिया जाना घातक साबित हो रहा है. भले ही संदिग्ध मदरसों की संख्या कम है, लेकिन यह साबित हो गया है कि मदरसों में आतंकी पल रहे हैं. उन्हें चिन्हित किया जाना चाहिए. मुसलिम बहुल इलाकों में ही आतंकी पनाह ले रहे हैं. इससे मुसलिमों को भी खतरा है. पूरे समुदाय को बदनामी से बचाने के लिए आतंक फैलाने वाले लोगों को चिन्हित करने और उन्हें पकड़वाने में खुद मुसलिम समुदाय के लोगों को आगे आना चाहिए.
राजनाथ सिंह को सौंपी रिपोर्ट
कोलकाता. बर्दवान धमाके की जांच में राज्य पुलिस एनआइए को मदद नहीं कर रही है. गृह मंत्रलय के अधिकारियों ने ऐसी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को बुधवार को सौंपी. रिपोर्ट में कहा गया है कि दो अक्तूबर को खागड़ागढ़ में विस्फोट हुआ था. पुलिस ने विस्फोट के बाद कई सबूत नष्ट कर दिये. उसके बाद एनआइए को सूचना दी गयी थी. जांच में राज्य पुलिस व सीआइडी जिस तरह से एनआइए के साथ असहयोग कर रही हैं, इससे एनआइए ने जांच का काम लगभग बंद कर दिया है.
एनआइए अधिकारियों का आरोप है कि बर्दवान पुलिस ने उनके साथ दुर्व्‍यवहार भी किया है. दूसरी ओर, राज्य पुलिस व राज्य सरकार का कहना है कि कानून व्यवस्था राज्य सरकार का विषय है. इसकी जांच के लिए आइबी या एनआइए की जरूरत नहीं है, जबकि गृह मंत्रलय की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह केवल राज्य का मामला नहीं है, बल्कि यह आतंकवाद का मुद्दा है तथा इससे बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार के खिलाफ साजिश रचने का भी आरोप है.

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