अब टीएमसी बन चुकी है तृणमूल मुजाहिद्दीन कांग्रेस
भाजपा प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने की तीखी आलोचना, कहा कोलकाता : भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पश्चिम बंगाल के सह प्रभारी सिद्धार्थ नाथ सिंह ने गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि टीएमसी अब तृणमूल कांग्रेस नहीं, बल्कि तृणमूल मुजाहिद्दीन कांग्रेस बन चुकी है. वर्तमान […]
भाजपा प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने की तीखी आलोचना, कहा
कोलकाता : भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पश्चिम बंगाल के सह प्रभारी सिद्धार्थ नाथ सिंह ने गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि टीएमसी अब तृणमूल कांग्रेस नहीं, बल्कि तृणमूल मुजाहिद्दीन कांग्रेस बन चुकी है.
वर्तमान कांड के बाद से यह स्पष्ट हो गया है कि तृणमूल के नेता, मंत्री और कार्यकर्ता बंगाल में जमात के लोगों को सुरक्षा प्रदान करके देश हित और राष्ट्रीय सुरक्षा को धक्का पहुंचा रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस ने जिस सिद्धांत पर परिवर्तन का वादा किया था, सत्ता में आने के बाद पूरी तरह से उसके उलट कदम उठा रही हैं.
दीपावली के ठीक पहले जहां खुशी और उत्सव के पटाखे फटने चाहिए, वहां जिहादी बम की आवाज जनता को सुननी पड़ रही है. तृणमूल के नेता, मंत्री व कार्यकर्ताओं जनता की सेवा के बदले बांग्लादेश के जिहादियों को बंगाल में बुला कर आतंकवादी संगठनों को मदद कर रहे हैं. भाजपा या केंद्र सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी.
श्री सिंह ने कहा : तृणमूल सरकार बर्दवान कांड की जांच में केंद्रीय जांच एजेंसियों का सहयोग नहीं कर रही है. भाजपा देश के साथ बंगाल की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित है. भाजपा के प्रदेश नेता व कार्यकर्ता तृणमूल मुक्त बंगाल और सुरक्षा व विकास के लक्ष्य को लेकर बंगाल में काम कर रहे हैं, क्योंकि बंगाल में बर्दवान कांड के बाद राज्य की मुख्यमंत्री चुप हो गयी हैं.
राज्य सरकार के मंत्री ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीमा पर पाकिस्तान के घुसपैठ के बावजूद चुप्पी का आरोप लगाया, लेकिन प्रधानमंत्री ने सीमा पर तैनात जवानों को चुप नहीं रह कर ट्रिगर दबाने और गोला दागने का निर्देश दिया. दूसरी तरफ बंगाल सरकार बम धमाके के बाद घटना स्थल से सबूत मिटाने में लगी है. बर्दवान कांड ने भारत और भारत सरकार को शर्मसार किया है. उन्होंने कहा : मैंने सारधा कांड को लेकर मुख्यमंत्री से दस सवाल पूछे थे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. मैं एक बार फिर सीएम से दस सवाल पूछता हूं.
सिद्धार्थ नाथ के मुख्यमंत्री से 10 सवाल
1. क्या यह सत्य नहीं है कि दो अक्तूबर से पहले पश्चिम बंगाल की वर्तमान सरकार ने बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात-ए- मुजाहिद्दीन को राज्य में प्रवेश का रास्ता साफ दिया , ताकि राज्य के सात से नौ मदरसों में आतंकी प्रशिक्षण दिया जा सके.
2. राज्य सरकार यह स्पष्ट करे कि क्या उन्हें केंद्र व खुफिया एजेंसियों की ओर से 24 सितंबर को बर्दवान धमाके के मुख्य तीन अभियुक्त व जमात-ए-मुजाहिद्दीन के बांग्लादेश के सक्रिय सदस्य सोहेल महफूज, मोहम्मद बिलाल और मोहम्मद हबीबुर रहमान के बंगाल में होने की जानकारी नहीं दी गयी थी. फिर भी सरकार या सीआइडी ने कोई ठोस कदम इन तीनों के खिलाफ नहीं उठाया?
3. बर्दवान धमाके के तुरंत बाद राज्य सरकार के निर्देश के तहत धमाके के सबूतों को नष्ट किया गया ?
4. क्या यह सही नहीं है कि 2011 में सत्ता आने के बाद से पश्चिम बंगाल में आने वाले जमात-ए-मुजाहिद्दीन के लोगों को तृणमूल नेतृत्व ने अपने वोट बैंक राजनीति के लिए इस्तेमाल किया?
5. जब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बांग्लादेश के दौरे पर जा रहे थे, तभी अंतिम समय में आपने किसके दबाव में अपना जाना रद्द कर दिया.
6. जब स्थानीय पुलिस ने सिमुलिया मदरसा में रेड करने की अनुमति मांगी, तो सचिवालय से क्यों नहीं अनुमति दी गयी? क्या यह सबूत को नष्ट करने का षड़यंत्र है? वहीं जब एनआइए ने छापा मारा, तो वहां प्रशिक्षण शिविर, सुरंग व असामाजिक तत्व मिले.
7. देश में कहीं भी बम विस्फोट होने पर तुरंत एनएसजी और एनआइए को भेजा जाता है, लेकि न बर्दवान विस्फोट के बाद यहां की सरकार क्यों इन दोनों एजेंसियों के जांच से कतरा रही थी. वह कौन सा षडयंत्र था? इसका खुलासा राज्य सरकार को करना होगा.
8. क्या है सत्य नहीं है कि वर्तमान राज्य सरकार बांग्लादेशी घुसपैठ को बढ़ावा नहीं दे रही. इस बात का खुलासा बीएसएफ द्वारा पकड़े गये 50 से 60 बांग्लादेशी घुसपैठियों के पास से पाये गये वोटर कार्ड, पैन कार्ड व तृणमूल के स्थानीय नेताओं द्वारा जिलाधिकारी के माध्यम से दिये जानेवाले पत्रों से हुआ है.
9. इस विस्फोट के बाद पकड़े गये अभियुक्तों के पास से अवैध पासपोर्ट मिले हैं. सरकार ने अवैध पासपोर्ट बनाने में सहयोग करनेवालों को क्यों नहीं पकड़ा?
10. अगर कोई फेसबुक पर अप्रिय टिप्पणी करता है तो आपकी सरकार उसे पकड़ कर जेल में डाल देती है, वहीं बांग्लादेशी घुसपैठियों के पास के जाली दस्तावेज मिलने व देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के बाद भी आपकी पुलिस उन्हें क्यों नहीं गिरफ्तार करती.