मुसलिम पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप पर रोक लगाने की मांग
कोलकाता : मुसलिम पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप पर रोक लगाने की मांग करते हुए इंडियन मुसलिम डेमोक्रेटिक फ्रंड ने राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी को एक ज्ञापन दिया है. ज्ञापन के द्वारा संगठन ने इसलामी शरीयत को केवल निजी मामलों में ही नहीं, बल्कि आपराधिक मामलों में भी शामिल करने का आवेदन किया है. संगठन के अध्यक्ष […]
कोलकाता : मुसलिम पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप पर रोक लगाने की मांग करते हुए इंडियन मुसलिम डेमोक्रेटिक फ्रंड ने राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी को एक ज्ञापन दिया है. ज्ञापन के द्वारा संगठन ने इसलामी शरीयत को केवल निजी मामलों में ही नहीं, बल्कि आपराधिक मामलों में भी शामिल करने का आवेदन किया है.
संगठन के अध्यक्ष सैयद आलमगीर ने कहा कि आजादी के पहले से ही मुसलमानों के मामलों का मुसलिम पर्सन लॉ के आधार पर निपटारा होता आया है. आज भी संपत्ति, तलाक इत्यादि मामलों का फैसला मुसलिम पर्सन लॉ को ध्यान में ही रख कर किया जाता है.
पर कुछ लोग भारतीय संविधान द्वारा मुसलिम समाज को दिये गये अधिकारों व आजादी का हनन करने का प्रयास कर रहे हैं. समान नागरिक संहिता के नाम पर मुसलिम पर्सन लॉ को निशाना बनाया जा रहा है. हम लोग इन कदमों की निंदा करते हैं और राज्यपाल के द्वारा केंद्र सरकार से यह मांग करते हैं कि मुसलिम पर्सन लॉ को खत्म करने का प्रयास बंद किया जाये. इसके साथ ही हमारी यह भी मांग है कि संविधान में संशोधन कर मुसलिम समुदाय के आपराधिक मामलों को भी शरीयत कानून के तहत ही निपटारा किया जाये.