मालदा में बन गया है बांग्लादेश का पाबनापाड़ा
हजारों की संख्या में रहते हैं बांग्लादेशी मालदा : ओल्ड मालदा थाना के साहापुर ग्राम पंचायत में एक पाड़ा ऐसा है, जहां सभी बांग्लादेश के पाबना के रहनेवाले हैं. इसलिए पाड़ा का नाम पाबनापाड़ा रख दिया गया है. यहां डेढ़ हजार लोग रहते हैं. कुल मतदाता 900 हैं. मालदा शहर से महानंदा नदी पार करते […]
हजारों की संख्या में रहते हैं बांग्लादेशी
मालदा : ओल्ड मालदा थाना के साहापुर ग्राम पंचायत में एक पाड़ा ऐसा है, जहां सभी बांग्लादेश के पाबना के रहनेवाले हैं. इसलिए पाड़ा का नाम पाबनापाड़ा रख दिया गया है. यहां डेढ़ हजार लोग रहते हैं. कुल मतदाता 900 हैं.
मालदा शहर से महानंदा नदी पार करते ही नदी के उत्तर-पूर्व में पाबनापाड़ा पड़ता है. बर्दवान बम विस्फोट के बाद से इस पाड़ा के लोग आतंकित हो गये हैं. यहां रहते-रहते यहां के लोग भारतीय नागरिक के तौर पर ही पहचाने जा रहे हैं.
इन लोगों को पता है कि ये लोग और बांग्लादेश नहीं लौट सकते. कई लोगों के पास भारतीय राशन कार्ड व मतदाता पहचान पत्र भी है. जिनके पास नहीं है वह बनाने की कोशिश कर रहे हैं. स्थानीय निवासी नवीन हलदर ने बताया कि यहां के सभी लोग बांग्लादेश से आये हैं. अब जमीन की कीमत बढ़ गयी है. एक कट्ठा जमीन के दाम 50 से 80 हजार रुपये है.
यहां के लोग टीन व टीले के घर में रहते हैं. ज्यादातर महिलाएं नौकरानी का काम करती हैं. स्थानीय कांग्रेस विधायक अजरून हलदर ने बताया कि रिश्तेदारों से संपर्क बना कर बांग्लादेश के लोग यहां आये हैं. पाबनापाड़ा काफी पुराना है. 40-50 के दशक में बना था. कई सालों से रहने के कारण ये लोग भारतीय नागरिक बन गये हैं.
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर जुल्म के चलते आ बसे
स्थानीय निवासी जोगमाया हलदर ने बताया कि पहले हबीबपुर के सिरसी कलाईबाड़ी गांव में रहती थी. कुछ सालों पहले पाबनापाड़ा में आयी है. 20 हजार रुपये से जमीन खरीद कर व घर बना कर रह रही है. उनके दो बेटे हैं, जो यही नौकरी करते हैं. उन्होंने कहा कि वह बांग्लादेशसे आयी हैं. वहां अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार से तंग आकर इस पार चली आयी हैं.
एनआइए की टीम ने की छापेमारी
कृष्णानगर : बर्दवान धमाके की जांच कर रही नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) ने सोमवार को भी कई जगह तलाशी अभियान चलाया. नदिया जिले के थानारपाड़ा थाने के गांव गामाखाली में सोमवार को एनआइए की टीम ने संदिग्ध आतंकी जाहिर शेख के घर की तीसरी बार तलाशी ली.
जांच अधिकारियों ने उसके घर के लोगों से पूछताछ की. इससे पहले जाहिर के घर की ली गयी तलाशी में जांच एजेंसी को कई संदिग्ध सामान मिला था. जानकारी के अनुसार, गामाखाली में जाहिर के घर की तलाशी लेने के बाद सोमवार को ही एनआइए की टीम संदिग्ध आतंकी के ससुर हजरत मंडल के करीमपुर स्थित घर पहुंच गये. करीमपुर थाने में जाहिर के ससुर से पूछताछ की गयी.
बर्दवान धमाका: इडी ने भी शुरू की जांच
कोलकाता. बर्दवान के खगड़ागढ़ में हुए धमाके की प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने भी जांच शुरू कर दी है. इडी आतंकी साजिश में धन के स्नेतों का पता लगाने के लिए मामले की जांच कर रही है. गौरतलब है कि खगड़ागढ़ में दो अक्तूबर को हुए विस्फोट की नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) समेत तमाम एजेंसियां जांच कर रही हैं. जांच में नेशनल सिक्योरिटी गार्ड और रॉ से भी मदद ली गयी है. ज्ञात रहे कि धमाके में दो लोगों की मौत हो गयी थी और एक संदिग्ध आतंकी जख्मी हो गया.
जानकारी के अनुसार, इडी अधिकारी बर्दवान पहुंचे और पुलिस अधीक्षक के साथ बैठक की. इसके बाद विस्फोट स्थल का भी निरीक्षण किया. इडी की टीम ने बर्दवान के कई इलाकों का दौरा किया. मंगलवार से इडी जांच में और तेजी लायेगी. उल्लेखनीय है कि इडी पहले से सारधा चिटफंड कांड की जांच कर रही है. इडी के अधिकारी एनआइए के साथ मिल कर जांच करेंगे. इडी सूत्रों का कहना है कि विस्फोट कांड से लाखों रुपये की लेन-देन का मामला जुड़ा हुआ है. जानकारी मिली है कि हवाला के माध्यम से बांग्लादेश और दुबई के जरिये आतंकियों के पास पैसे आये हैं.
इडी के अधिकारियों का कहना है कि आतंकियों के माध्यम से देश में नकली नोटों का प्रवेश हो रहा है. खगड़ागढ विस्फोट में बांग्लादेश और नेपाल के माध्यम से आये नकली नोट की महत्वपूर्ण भूमिका है. खगड़ागढ़ विस्फोट में मारे गये शकील अहमद की पत्नी रजिया के पास 44 हजार रुपये मिले थे, लेकिन ये रुपये नकली नहीं थे. खुफिया सूत्रों का कहना है कि जिस नेटवर्क के माध्यम से आतंकियों ने घुसपैठ की है, उनके पीछे जाली नोट का बड़ा कारोबार है.